केंद्र सरकार 29 नवंबर से शुरू हो रहे संसद के शीत सत्र में कुल 26 बिलों को पेश करने जा रही है। इनमें कृषि कानूनों की वापसी, प्राइवेट क्रिप्टो करेंसी पर बैन समेत नारकोटिक्स ड्रग्स बिल 2021 भी शमिल है। इसके तहत कम मात्रा में गांजा, भागं समेत अन्य नशीले पदार्थ रखना कोई अपराध नहीं माना जाएगा। सरकार का मानना है कि इस कानून से नशे के आदी लोगों तो सुधरने का मौका मिलेगा।
बता दें कि पिछले दिनों ड्रग्स से जुड़े मामले में बॉलीवुड स्टार शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान के साथ ही कई अन्य लोगों की गिरफ्तारी के बाद इस तरह की मांग की जा रही है। उसके बाद इस बारे में 10 नवंबर को पीएमओ में हुई बैठक में निर्णय लिया गया। बैठक में राजस्व, गृह, नारकोटिक्स, सामाजिक न्याय मंत्रालय के साथ ही स्वास्थय मंत्रालय के अधिकारी भी शामिल थे।
आर्यन खान केस के बाद उठी मांग
नारकोटिक्स ड्रग्स साइकोट्रोपिक सब्सटेंसेज यानी एनडीपीएस एक्ट को बिल 2021 के तहत मादक पदार्थों के निजी उपयोग से बाहर रखा जाएगा। इसके लिए 1985 के कानून की कई धाराओं में सुधार किया जाएगा। इन धाराओं का संबंध ड्रग्स की खरीद, सेवन और फाइनैंसिग से है। आर्यन खान केस में केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले समेत कई हस्तियों ने इस कानून में संशोधन की मांग की थी। उनका तर्क था कि लोगों को सुधरने का अवसर दिया जाना चाहिए।
नारको बिल की खास बातें
- किसी व्यक्ति के ड्रग्स रखने, निजी तौर पर उपभोग करने और बेचने में अंतर को चिह्नित किया जाएगा।
- बेचने को अपराध माना जाएगा, लेकिन कम मात्रा में रखने और सेवन करने को अपराध से बाहर रखा जाएगा।