मुंबई शक्ति मिल गैंगरेप के आरोपियों की फांसी की सजा पर बॉम्बे उच्च न्यायालय का बड़ा फैसला!

मुंबई सत्र न्यायालय ने शक्ति मिल सामूहिक बलात्कार मामले में विजय जाधव, कासिम बंगाली और सलीम अंसारी को मौत की सजा सुनाई थी। उसके बाद तीनों ने बॉम्बे उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी।

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मुंबई समेत पूरे देश को हिला कर रख देन वाले शक्ति मिल गैंगरेप मामले में मुंबई उच्च न्यायालय ने बड़ा फैसला सुनाया। न्यायालय ने तीन आरोपियों की मौत की सजा को खारिज करते हुए सजा को उम्रकैद में बदल दिया है। 2013 के इस मामले में आरोपी ने मौत की सजा को चुनौती दी थी।  हालांकि, मामले में सबूत और उनके अपराध को देखते हुए न्यायालय ने उनकी फांसी की सजा को उम्र कैद में बदल दिया है।

आरोपी ने 4 दिसंबर 2014 को मुंबई सेशन कोर्ट द्वारा दी गई मौत की सजा को चुनौती दी थी। इस मामले में उच्च न्यायालय ने आरोपी की सजा तय करने का फैसला सुरक्षित रख लिया था। अब न्यायालय ने 25 नवंबर को उनकी मौत की सजा को रद्द कर दिया है और सजा को उम्रकैद में बदल दिया है।

सत्र न्यायालय ने सुनाई थी मौत की सजा
मुंबई सत्र न्यायालय ने शक्ति मिल सामूहिक बलात्कार मामले में विजय जाधव, कासिम बंगाली और सलीम अंसारी को मौत की सजा सुनाई थी। उसके बाद तीनों ने बॉम्बे उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी।

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यह है पूरा मामला
22 अगस्त 2013 को मुंबई के महालक्ष्मी स्थित शक्ति मिल परिसर में एक महिला के साथ सामूहिक दुष्कर्म किया गया था। महिला फोटोग्राफर थीऔर वह अपने सहयोगी के साथ वहां फोटोग्राफी करने गई थी। वहां उसके साथ पांच लोगों ने दुष्कर्म किया था।

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पूरे देश में फैल गया था आक्रोश
मामला सामने आने के बाद पूरे देश में आक्रोश की लहर दौड़ गई थी। पुलिस ने मामले में विजय जाधव, कासिम बंगाली, सलीम अंसारी, सिराज खान और एक नाबालिग को गिरफ्तार किया था। न्यायालय ने सिराज खान को आजीवन कारावास और तीन अन्य को मौत की सजा सुनाई थी। नाबालिग को बाल सुधार गृह भेज दिया गया था।

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