पिछले कुछ महीनों में भारत में क्रिप्टो करेंसी के बारे में काफी चर्चा हो रही है। इसके बारे में सभी स्तरों पर चर्चा जारी है। इस बीच केंद्र सरकार ने देश में क्रिप्टो करेंसी को नियंत्रित करने के लिए आगामी शीतकालीन सत्र में एक विधेयक पेश करने पर काम शुरू कर दिया है।
कई लोग क्रिप्टो करेंसी की ओर आकर्षित होते हैं। रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर और प्रसिद्ध अर्थशास्त्री रघुराम राजन ने इसे लेकर चिंता व्यक्त की है। उन्होंने कहा है कि क्रिप्टो करेंसी एक छलावा है, भ्रम है। उन्होंने इसके अर्थशास्त्र को धोखाधड़ी के रूप में विश्लेषित किया है।
अधिकांश क्रिप्टो करेंसी हो जाएंगी बंद
रघुराम राजन ने कहा कि निकट भविष्य में ज्यादातर क्रिप्टो करेंसी का सच सामने आ जाएगा। उन्होंने कहा, “वर्तमान में, भारत में 6,000 से अधिक क्रिप्टो करेंसी चलन में हैं। लेकिन इनमें से ज्यादातर निकट भविष्य में बंद हो जाएंगे। मात्र एक या दो करेंसी चलन में रह सकती हैं।”
यह मूर्ख लोगों का भ्रम है
रघुराम राजन ने कहा, “अगर किसी को लगता है कि निकट भविष्य में क्रिप्टो करेंसी का मूल्य बढ़ सकता है, तो यह सिर्फ एक भ्रम है। इसके मूल्य में वृद्धि के पीछे मुख्य कारणों में से एक एक इन्हें खरीदने वाले मूर्ख लोग भी हैं।”
चिट फंड है क्रिप्टो करेंसी
आरबीआई के पूर्व गवर्नर ने क्रिप्टो करेंसी की तुलना चिट फंड स्कीम से की है। उन्होंने कहा, “यह एक अनियंत्रित चिट फंड की तरह है। चिट फंड कंपनियां लोगों से पैसे लेती हैं और फिर लापता हो जाती हैं। आज क्रिप्टो करेंसी खरीदने वाले कई लोगों को भविष्य में नुकसान उठाना पड़ेगा।”