हिंसक मोड़ पर एसटी आंदोलन! एक ही दिन में इतने कर्मचारी निलंबित, विरोध में पथराव

एसटी निगम के राज्य सरकार में विलय के मुद्दे को हल नहीं किया गया है, इसलिए राज्य के कुछ हिस्सों में निगम की चल रही कार्रवाई का विरोध बढ़ गया है।

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एमएसआरटीसी के राज्य सरकार में विलय की मांग को लेकर एसटी कर्मियों की हड़ताल ने हिंसक रूप ले लिया है। चूंकि विलय के मुद्दे को हल नहीं किया गया है, इसलिए राज्य के कुछ हिस्सों में निगम की चल रही कार्रवाई का विरोध बढ़ गया है। इसी का परिणाम है कि 27 नवंबर को 11 से ज्यादा एसटी बसों पर पथराव की घटनाएं घटीं। इसमें चालक और वाहक भी घायल हो गए हैं। एसटी निगम ने स्थानीय थाने में इस मामले में अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कराया है।

बसों पर पथराव
इस बीच, निगम ने निलंबन की कार्रवाई भी तेज कर दी है और 27 नवंबर को एसटी निगम के अनुसार 3,215  कर्मचारियों को निलंबित कर दिया गया है। राज्य में विभिन्न डिपो से चलने वाली एसटी बसों को पुलिस सुरक्षा प्रदान की जा रही है। इसके बावजूद उन पर पथराव की घटनाएं घटने की खबरें मिल रही हैं।कुल 18,000 कर्मचारी ड्यूटी पर

कुल 18,000 कर्मचारी ड्यूटी पर लौटे
27 नवंबर को एक ही दिन में 3,215 ड्राइवर- कंडक्टर निलंबित कर दिए गए, जबकि अब तक 4,242 ड्राइवर-कंडक्टर काम पर लौट चुके हैं। निगम ने बताया कि निगम के विभिन्न विभागों के कुल 18,000 कर्मचारी ड्यूटी पर आ गए हैं। इसके साथ ही राज्य में एसटी बसों का परिचान बढ़ गया है। 27 नवंबर की शाम 7 बजे तक 1,046 बसें चलाई जा रही थीं।

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कर्मचारियों के वेतन में 41% वृद्धि
 28 एसटी यूनियनों के दबाव के कारण सरकार को कर्मचारियों के वेतन में 41% वृद्धि के लिए मजबूर होना पड़ा। इसे कर्मचारियों की बड़ी सफलता मानी जा रही है।

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