देश में कोरोना वैक्सीन की एक खुराक लेकर ही संतुष्ट, दूसरी खुराक से मुंह मोड़ने वाले लोगों की संख्या करोड़ों में है।उनमें महाराष्ट्र के 90 लाख से अधिक नागरिक भी शामिल हैं। राज्य में कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज लेने वाले लाभार्थियों का प्रतिशत 41 है, जबकि पहली खुराक लेने वाले लाभार्थियों का प्रतिशत 80% है।
टीकाकरण दर में से गिरावट
कोरोना के नए अवतार ओमिक्रॉन ने दुनिया में तहलका मचा रखा है, इसलिए एक बार फिर से टीकाकरण पर विशेष ध्यान देने का फैसला किया गया है। हालांकि सरकार अब घर-घर जाकर टीकाकरण कर रही है, लेकिन राज्य में 90 लाख से अधिक लाभार्थियों ने अभी तक दूसरी खुराक नहीं ली है। बता दें कि राज्य में दैनिक टीकाकरण की दर में नाटकीय रूप से गिरावट आई है। सितंबर माह में यह संख्या 7 लाख 60 हजार 955, अक्टूबर माह में 5 लाख 25 हजार 121 और नवंबर माह में मात्र 4 लाख 63 हजार 389 है।
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दूसरी खुराक जरुरी
टीके की पहली खुराक सुरक्षा प्रदान करती है, लेकिन दूसरी खुराक भी संक्रमण से बचने के लिए जरुरी है। इसके अलावा, ऐसे लोगों को संक्रमित हो जाने पर भी अस्पताल में भर्ती होने की संभावना भी कम रहती है। राज्य में टीकाकरण अभियान की गति धीमी हो गई है। इसका कारण यह है कि दीपावली के बाद से लोगों ने टीकाकरण से मुंह मोड़ लिया है। कोरोना संक्रमण में कमी आने के बाद कुछ लोग दूसरी खुराक लेने से कतरा रहे हैं। लेकिन यह खतरनाक साबित हो सकता है। विशेषज्ञों का कहना है कि ओमिक्रॉन के इलाज के लिए टीकाकरण सबसे प्रभावी तरीकों में से एक है।