महाराष्ट्र के पुर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख द्वारा कथित रुप से पुलिस को 100 करोड़ धन उगाही का टारगेट दिए जाने के मामले की जांच कर रहे चांदीवाल आयोग के समक्ष 30 नवंबर को देशमुख, मुंबई पुलिस के पूर्व आयुक्त परमबीर सिंह और बर्खास्त सहायक पुलिस निरीक्षक सचिन वाझे पेश हुए। इस दौरान आयोग के कार्यालय के बाहर सिंह और वाझे अचानक टकरा गए। उसके बाद दोनों करीब 10 मिनट तक बातचीत करते रहे।
इस बीच राज्य सरकार ने परमबीर सिंह पर एक और मामले में शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। राज्य के गृह मंत्री दिलीप वलसे पाटील ने मीडियाकर्मियों को बताया कि सिंह के खिलाफ कथित तौर पर बिना किसी नोटिस के सरकारी वाहन इस्तेमाल करने के आरोप में जांच के आदेश दिए गए हैं। गृह मंत्री निर्देश दिया है कि सिंह द्वारा होमगार्ड के महानिदेशक का पद स्वीकार किए बिना सरकारी वाहन के इस्तेमाल करने की जांच की जाए।
231 दिन बाद मुंबई लौटे हैं परमबीर
फिलहाल 30 नवंबर को सचिन वाझे और पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख को मामले की जांच कर रहे चांदीवाल आयोग के समक्ष पेश किया गया। इस बीच वाझे ने देशमुख से बात करने की कोशिश की। इस पर आयोग ने उसे कड़ी फटकार लगाई। बता दें कि मुंबई और ठाणे पुलिस थाने में परमबीर सिंह के खिलाफ धन उगाही के पांच मामलों की जांच की जा रही है। इस जांच में शामिल होने सिंह 231 दिन बाद मुंबई लौटे हैं।
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परमबीर सिंह और सचिन वाझे ने की 10 मिनट बात
दूसरी ओर परमबीर सिंह द्वारा दायर 100 करोड़ रुपए की वसूली के मामले की जांच चांदीवाल आयोग कर रहा है। सिंह इस मामले में आयोग के समक्ष पेश हुए । इस बीच आयोग के कार्यालय के बाहर परमबीर सिंह और सचिन वाझे आमने-सामने आ गए। दोनों 10 मिनट तक बातचीत करते रहे। हालांकि इनके बीच क्या बातचीत हुई, इस बारे में अभी तक जानकारी नहीं मिल पाई है। दोनों की इस बातचीत को जांच आयोग ने गंभीरता से लेते हुए वाझे को फटकार लगाई है।
वाझे-देशमुख भी मिले
मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में आर्थर रोड जेल में बंद पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख और तलोजा जेल में रखे गए पूर्व पुलिस अधिकारी सचिन वाझे के साथ ही परमबीर सिंह भी 30 नवंबर को चांदीवाल आयोग के समक्ष पेश हुए। इस बीच देशमुख और वाझे लगभग 10 मिनट तक एक साथ कमरे में रहे। इस दौरान दोनों में क्या बात हुई, इसकी जानकारी नहीं मिल पाई है। फिलहाल आयोग ने वाझे को 13 दिसंबर को फिर से आयोग के समक्ष पेश होने का निर्देश दिया है।