महाराष्ट्र में कोरोना के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन के खतरे को देखते हुए एहतियात के तौर पर सार्वजनिक परिवहन के साथ-साथ रिक्शा-टैक्सी में यात्रा के लिए दोनों टीकाकरण को जरुरी करने का निर्णय लिया गया है। इस नियम के लागू हो जाने के बाद रिक्शा-टैक्सी में केवल कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज ले चुके लोगों को ही यात्रा करने की अनुमति होगी। परिवहन आयुक्त कार्यालय ने राज्य के सभी आरटीओ को इस संबंध में निर्देश जारी किए हैं। एक-दो दिन में इसका क्रियान्वयन शुरू होने की उम्मीद है।
महाराष्ट्र सरकार ने सार्वजनिक परिवहन सेवा का लाभ लेने के लिए केवल दोनों टीकाकरणकर्ताओं को ही अनुमति देने का निर्णय लिया है। मुंबई में बेस्ट प्रशासन ने सभी डिपो प्रबंधकों को इस निर्णय को लागू करने का निर्देश देते हुए कहा है कि बसों में उन्हें ही यात्रा करने की अनुमति होगी, जिनके पास यूनिवर्सल ट्रैवल पास या टीकाकरण प्रमाणपत्र होगा। इस बारे में बेस्ट की बसों के चालकों और वाहकों को जल्द ही जानकारी दी जाएगी।
बेस्ट की बसों की तरह नियम होगा लागू
बेस्ट की बसों की तरह यह नियम रिक्शा और टैक्सियों पर भी लागू होगा। परिवहन आयुक्त कार्यालय ने राज्य के सभी आरटीओ को नए नियमों की जानकारी देते हुए उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश दिया है। टैक्सी, रिक्शा की आरटीओ के उड़न दस्ते के माध्यम से जांच की जाएगी। अधिकारियों ने बताया कि उड़न दस्ते की मैनपावर, नियम के क्रियान्वयन की योजना, कार्रवाई कैसे करें, रिक्शे और टैक्सियों की संख्या आदि के बारे में जानकारी लेने के बाद अगले एक-दो दिन में इस नियम को लागू कर दिया जाएगा।
खास बात
- जिन यात्रियों के पास ” यूनिवर्सल ट्रैवल पास या टीकाकरण प्रमाणपत्र ” नहीं है, ऐसे लोगों को रिक्शा और टैक्सी में यात्रा करते हुए पकड़े जाने पर उनके साथ ही ड्राइवरों से भी 500 रुपए जुर्माना वसूला जाएगा।
- दंडात्मक कार्रवाई करने का अधिकार नगर पालिका और पुलिस को होगा। कार्रवाई करने के बाद आरटीओ के दस्ते संबंधित एजेंसियों से संपर्क करेंगे।
- इसके लिए पुलिस, ट्रैफिक पुलिस, नगर पालिकाओं की मदद ली जाएगी। टीम निजी यात्री बसों का भी निरीक्षण करेगी।