मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त और वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी परमबीर सिंह को निलंबित तक दिया गया है। भ्रष्टाचार और अनियमितता के लिए यह कार्रवाई की गई है। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने फाइल पर दस्तखत कर दिए। उसके बाद 2 दिसंबर को निलंबन का आदेश जारी कर दिया गया।
परमबीर सिंह को लेकर आईएएस अधिकारी देबाशीष चक्रवर्ती की रिपोर्ट को महाराष्ट्र सरकार ने स्वीकार कर लिया था। चक्रवर्ती ने परमबीर सिंह के खिलाफ सिविल सेवा नियमों के उल्लंघन के आरोप में पूछताछ की थी। इसके अलावा, राज्य के गृह विभाग ने उनके खिलाफ प्रशासनिक त्रुटियों के लिए विभागीय जांच शुरू की थी।
जारी थी निलंबन प्रक्रिया
बता दें कि इससे पहले राज्य के गृह मंत्री दिलीप वलसे पाटील ने कहा था कि नियमों के उल्लंघन करने को लेकर परमबीर सिंह के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। गृह मंत्री ने कहा था, “परमबीर सिंह के खिलाफ उनके भ्रष्टाचार और अनियमितताओं के लिए कानूनी कार्रवाई जारी है। उनके खिलाफ निलंबन की कार्रवाई की प्रक्रिया भी चल रही है।”
मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर लगाया था आरोप
मार्च 2020 में मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में परमबीर सिंह ने गंभीर आरोप लगाया था। अपने आरोप में उन्होंने कहा था कि अनिल देशमुख ने सचिन वाझे और दो अन्य पुलिस अधिकारियों को शहर के बार मालिकों से हर महीने 100 करोड़ रुपए वसूलने का आदेश दिया था। परमबीर सिंह के इस पत्र के बाद अनिल देशमुख को गृह मंत्री के पद से इस्तीफा देना पड़ा था। फिलहाल वे इसी मामले में जेल में बंद हैं।
सर्वोच्च न्यायालय से मिली राहत
जस्टिस एस. के. कौल और जस्टिस एम. एम. सुंदरेश की पीठ ने परमबीर की याचिका पर राज्य सरकार, पुलिस महानिदेशक संजय पांडेय और सीबीआई को नोटिस जारी कर छह दिसंबर तक अपना पक्ष रखने को कहा है। इस बीच, न्यायालय ने परमबीर को गिरफ्तार न करने का आदेश दिया है। इसके साथ ही सिंह को जांच में शामिल होने का भी आदेश दिया है।
सात घंटे तक हुई पूछताछ
गिरफ्तारी से अस्थायी सुरक्षा मिलने के बाद सिंह ने कहा था कि वे अभी भी चंडीगढ़ में हैं। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया था कि वह जल्द ही मुंबई में जांच एजेंसियों के सामने पेश होंगे। अगले दिन सुबह करीब 11 बजे वे एयरपोर्ट से सीधे कांदिवली स्थित अपराध शाखा कार्यालय पहुंचे थे।
छह महीने बाद मुंबई लौटे परमबीर
मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह को धन उगाही के मामले में फरार घोषित किया गया था। आखिरकार छह महीने अज्ञातवास में रहने के बाद हाल ही में वे मुंबई पुलिस लौटे हैं। उसके बाद क्राइम ब्रांच पुलिस ने उससे सात घंटे तक पूछताछ की है।