बिहार के मुज्जफरपुर में बहुत ही दुखद घटना घटी है। यहां एक निजी अस्पताल में मोतियाबिंद आपरेशन शिविर में बड़ी लापरवाही देखने को मिली है। इस शिविर में आंखों का आपरेशन कराने आए 18 लोगों की आंखें निकालनी पड़ी हैं। उनकी दुनिया में हमेशा के लिए अंधेरा छा गया है। बताया यह भी जा रहा है कि आगे और भी मरीजों की आंखें निकालनी पड़ सकती हैं, क्योंकि कई और मरीजों की हालत गंभीर बनी हुई है।
इस मामले के सामने आने के बाद बिहार के स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया है। विभाग में बैठकों का कई दौर चल रहा है। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने भी इसे गंभीरता से लिया है।
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने जारी किया नोटिस
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने नोटिस जारी कर स्वास्थ्य विभाग के मुख्य सचिव को तलब किया है। आयोग ने मुजफ्फपुर अस्पताल में हुए आंखों के आपरेशन में लापरवाही को गंभीरता से लेते हुए विस्तृत ब्योरा भी मांगा है। अस्पताल में डॉक्टर ने 65 लोगों की आंखों का आपरेशन किया था। इनमें से 18 की आंखें निकाली जा चुकी हैं। आयोग ने स्वास्थ्य विभाग से यह भी जानकारी मांगी है कि प्रोटोकॉल के तहत एक डॉक्टर एक दिन मे कितने मरीजों की आंखों का आपरेशन कर सकता है।
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अभी भी कई लोगों की हालत गंभीर
बता दें कि मुजफ्फरपुर आई हॉस्पिटल में 22 नवंबर को मोतियाबिंद आपरेशन शिविर का आयोजन किया गया था। मरीजों की आंखों में संक्रमण होने के बाद उन्हें मुजफ्फरपुर के श्रीकृष्ण मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है। अब तक 18 लोगों की आंखें निकाली गई हैं, जबकि अभी भी कई लोगों की हालत गंभीर बनी हुई है। इनमें से कई लोगों की आंखें भी निकाली जा सकती हैं।
अगले कुछ दिनों में पता चलेगी वजह
बताया जा रहा है कि आपरेशन थिएटर में फंगल या वायरल संक्रमण के कारण लोगों में संक्रमण फैल गया। फिलहाल जांच के लिए इसका नमूना भेजा गया है। जांच रिपोर्ट अगले कुछ दिनों में आने की संभावना है।