देश के इस शहर में बढ़ रहा है 20 लीटर दूध देने वाली गायों का परिवार!

172

मध्य प्रदेश में पशुधन एवं कुक्कुट विकास निगम द्वारा वर्ष 2014-15 में भोपाल के केरवा स्थित मदर बुल फार्म पर आरंभ किए गए भ्रूण प्रत्यारोपण के बहुत अच्छे परिणाम मिल रहे हैं। सर्वोत्तम गिर नस्ल की गाय और सांड से आरंभ किए गए प्रोजेक्ट से आज फार्म पर सेरोगेसी से जन्मी 298 गाय मौजूद हैं। देश की सर्वाधिक दूध देने वाली गिर, थारपरकर और साहीवाल नस्ल की इन गायों से उच्च गुणवत्ता का दुग्ध उत्पादन बढ़ने के साथ ही गायों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। गिर और साहीवाल नस्ल की गाय 15 से 20 लीटर और थारपरकर नस्ल की गाय 10 से 20 लीटर प्रतिदिन दूध दे रही हैं।

15 गायों के साथ शुरू किया था प्रयोग
मध्यप्र देश राज्य पशुधन एवं कुक्कुट विकास निगम के प्रबंध संचालक डॉ. एचबीएस भदौरिया ने बताया कि वर्तमान में बुल मदर फार्म पर 386 देशी गाय हैं। उच्च नस्ल वाली गाय के भ्रूण प्रत्यारोपण के लिए अनुपयोगी देशी गायों की कोख का प्रयोग किया जा रहा है। मात्र 6 साल पहले गिर नस्ल के जोड़े से 15 गायों के साथ शुरू किए गए प्रयोग में वर्ष 2015-16 में 7 बछड़े और 8 बछियों के जन्म के साथ सफलता का क्रम आज भी जारी है। बमुश्किल 2 लीटर तक दूध देने वाली गाय में प्रत्यारोपित भ्रूण से जन्मी बछिया आज 15 से 20 लीटर दूध प्रतिदिन दे रही है।

अनुपयोगी गायों की कोख का सदुपयोग
उन्होंने बताया कि एक गाय अपने जीवनकाल में केवल 7 से 8 बार गर्भ धारण करती है। इसके विपरीत सेरोगेसी तकनीक से सर्वोत्तम नस्ल की गाय से एक साल में ही 4-5 भ्रूण तैयार किए जा रहे हैं। इससे गुणवत्तापूर्ण अधिक दूध देने वाली देशी गायों की संख्या निरंतर बढ़ रही है और अनुपयोगी गायों की कोख का भी सदुपयोग हो रहा है। यह सफलता निकट भविष्य में दुग्ध उत्पादन में देश में तीसरे स्थान पर पहुंच चुके मध्य प्रदेश को सर्वोच्च शिखर पर पहुंचाने में महत्वपूर्ण योगदान देगी।

Join Our WhatsApp Community
Get The Latest News!
Don’t miss our top stories and need-to-know news everyday in your inbox.