फुटबॉलर ही फुटबॉल बन गया!

रॉय कोरोना के पहले दो दिन की यात्रा पूरी करके भारत पहुंच जाते थे। लेकिन इस बार कोरोना ने गणित ही बदल दिया है। पहले की तरह नियमित फ्लाइट सेवाएं उपलब्ध नहीं थीं। इसलिए रॉय फिजी के लबासा से नाडी गए वहां न्यूजीलैंड के ऑकलैंड और वहां से ऑस्ट्रेलिया के सिडनी और फिर दिल्ली होते हुए गोवा। इस यात्रा में रॉय कृष्णा को तीन देशों की यात्रा करनी पड़ी, 10 कोविड टेस्ट कराने पड़े और 40 दिनों का क्वारंन्टीन बिताना पड़ा।

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3 देश, 10 कोविड टेस्ट, 40 दिनों का क्वारंन्टीन पूरा कर फुटबॉलर पहुंचा गोवा। कोरोना के पहले यही यात्रा 2 दिनों में पूरी हो जाती थी लेकिन, इस बार ये फुटबॉलर जिन देशों से गुजरा वहां कोरोना जांच, क्वारंन्टीन ने उसे फुटबॉल बना दिया।

रॉय कृष्णा फिजी के लबासा में रहते हैं। इंडियन सुपर लीग के इस जुझारू खिलाड़ी की हिम्मत का कोई दांजा नहीं है। भारत वंशीय ये फुटबाल खिलाड़ी पहले भी कोलकाता के फुटबॉल क्लब एटीके की ओर से खेल चुका है। इस बार मोहन बागान की ओर से खेलने आए हैं क्योंकि एटीके का विलय मोहन बागान में हो गया है। रॉय कोरोना के पहले दो दिन की यात्रा पूरी करके भारत पहुंच जाते थे। लेकिन इस बार कोरोना ने गणित ही बदल दिया है। पहले की तरह नियमित फ्लाइट सेवाएं उपलब्ध नहीं थीं। इसलिए रॉय फिजी के लबासा से नाडी गए वहां न्यूजीलैंड के ऑकलैंड और वहां से ऑस्ट्रेलिया के सिडनी और फिर दिल्ली होते हुए गोवा। इस यात्रा में रॉय कृष्णा को तीन देशों की यात्रा करनी पड़ी, 10 कोविड टेस्ट कराने पड़े और 40 दिनों का क्वारंन्टीन बिताना पड़ा।

घर छोड़ने के 40 दिनों बाद गोवा में रॉय कृष्णा मोहन बागान की प्रैक्टिस में हिस्सा ले रहे हैं। इस समय उनकी टीम 27 नवंबर के एससी ईस्ट बंगाल टीम के साथ मैच की तैयारी कर रही है। पिछले सीजन में रॉय ने 21 मैच में 15 गोल दागे थे। उन्हें आइएसएल के सह-शीर्ष स्कोरर सम्मान भी मिला था।

 

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