इसलिए नहीं मिल रहा है ओबीसी को आरक्षण! भाजपा ने साधा ठाकरे सरकार पर निशाना

भारतीय जनता पार्टी नेता व पूर्व मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने राज्य सरकार पर ओबीसी का राजनीतिक आरक्षण खत्म करने का आरोप लगाया है।

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महाराष्ट्र में ओबीसी के राजनीतिक आरक्षण पर सर्वोच्च न्यायालय की ओर से रोक लगाए जाने के बाद सूबे में राजनीति गरमा गई है। सत्तापक्ष व विपक्ष इस मुद्दे पर एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे हैं। विपक्ष की ओर से इस मुद्दे पर राज्यव्यापी प्रदर्शन का आयोजन किया जा रहा है, जबकि मंत्री छगन भुजबल ने केंद्र सरकार पर ओबीसी आरक्षण खत्म करने की दिशा में काम करने का आरोप लगाया है।

भाजपा ने साधा ठाकरे सरकार पर निशाना
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेता व पूर्व मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने राज्य सरकार पर ओबीसी का राजनीतिक आरक्षण खत्म करने का आरोप लगाया है। बावनकुले ने पत्रकारों को बताया कि सर्वोच्च न्यायालय ने राज्य सरकार को ओबीसी आरक्षण के लिए इम्पिरेकिल डाटा लाने को कहा था लेकिन राज्य सरकार सिर्फ केंद्र सरकार पर निशाना साधती रही, इम्पिरेकिल डाटा प्राप्त करने का प्रयास नहीं किया। इसी वजह से न्यायालय ने ओबीसी का राजनीतिक आरक्षण रद्द कर दिया है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष चंद्रकांत पाटील ने भी इसके लिए राज्य सरकार को जिम्मेदार ठहराया है और जब तक ओबीसी समाज को राजनीतिक आरक्षण नहीं मिल जाता, तब तक स्थानीय स्तर पर चुनाव न कराए जाने की मांग की है।

भाजपा का प्रदर्शन
भाजपा की ओर से 7 दिसंबर को मुंबई, पुणे, कोल्हापुर सहित अन्य शहरों में ओबीसी आरक्षण के लिए प्रदर्शन किया गया। भाजपा विधायक गोपीचंद पडलकर ने कहा कि उपमुख्यमंत्री अजित पवार के मन में ओबीसी समाज के प्रति द्वेष की भावना है, इसी वजह से वे ओबीसी समाज को आरक्षण न मिले, इस तरह की भूमिका अपना रहे हैं। इसका खामियाजा ओबीसी समाज को भुगतना पड़ रहा है।

छगन भुजबल का आरोप
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता व राज्य के खाद्य आपूर्ति मंत्री छगन भुजबल ने कहा है कि केंद्र सरकार के पास इम्पिरेकिल डाटा उपलब्ध है, उसे केंद्र सरकार सर्वोच्च न्यायाल को देना चाहिए। अगर केंद्र सरकार यह डाटा सर्वोच्च न्यायालय को नहीं दे रही है तो न्यायालय को राज्य सरकार को इम्पिरेकिल डाटा लाने के लिए वक्त देना चाहिए। छगन भुजबल ने कहा कि राज्य सरकार को इम्पिरेकिल डाटा लाने के लिए लोगों के घर तक जाना पड़ेगा, जो कि कोरोना कालखंड में संभव नहीं हो पा रहा है।

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ओबीसी समाज की जनसंख्या 54 प्रतिशत
इसी तरह की दिक्कत केंद्र सरकार के समक्ष भी है, इसी वजह से केंद्र सरकार ने 10 साल में एक बार होने वाली जनगणना को अभी तक शुरू नहीं किया है। छगन भुजबल ने कहा कि ओबीसी समाज की जनसंख्या 54 फीसदी है, इसलिए इस समाज को राजनीतिक चश्मे से नहीं देखना चाहिए। भुजबल ने कहा कि महाराष्ट्र सरकार के प्रशासन तथा राज्य पिछड़ा वर्ग को इस मामले को प्राथमिकता देते हुए तत्काल इम्पिरेकिल डाटा उपलब्ध कराने का प्रयास करना चाहिए। साथ ही भाजपा नेताओं को अपने पार्टी के लोगों को ओबीसी आरक्षण का विरोध करने के लिए न्यायालय में जाने से रोकना चाहिए।

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