ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल के एक हवाई संस्करण का बुधवार को सफल परीक्षण किया गया। यह सुपरसोनिक लड़ाकू विमान सुखोई एमकेआई -30 से सफलतापूर्वक प्रक्षेपित किया गया। रक्षा मंत्रालय ने एक आधिकारिक बयान में कहा कि मिसाइल को ओडिशा के तट पर एकीकृत परीक्षण रेंज, चांदीपुर से सुबह 10.30 बजे लॉन्च किया गया।
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लॉन्च को ब्रह्मोस विकास में “एक प्रमुख मील का पत्थर” बताते हुए, रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने कहा कि यह देश के भीतर ब्रह्मोस मिसाइलों के हवाई संस्करण की शृंखला के उत्पादन को अनुमति देने कि दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। डीआरडीओ के अनुसार यह एक बड़ी उपलब्धि है कि रैमजेट इंजन के अभिन्न अंग प्रमुख एयरफ्रेम असेंबली का विकास भारतीय उद्योगों में किया गया है। यह मेड इन इंडिया की राह में भी महत्वपूर्ण उपलब्धि है। परीक्षण के दौरान, संरचनात्मक अखंडता और कार्यात्मक प्रदर्शन आशा के अनुरूप रहा है। ब्रह्मोस के हवाई संस्करण का इस साल जुलाई में आखिरी बार परीक्षण किया गया था।
Air version of BrahMos supersonic cruise missile successfully test-fired from Sukhoi 30 MK-I https://t.co/ZhDVGdgGuJ pic.twitter.com/LFrhOICs0B
— DRDO (@DRDO_India) December 8, 2021
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सफल परीक्षण फायरिंग पर डीआरडीओ, ब्रह्मोस, भारतीय वायु सेना और उद्योग की प्रशंसा की है। ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल के विकास, उत्पादन और विपणन के लिए डीआरडीओ और रूस के एनपीओएम के बीच एक संयुक्त उद्यम है। ब्रह्मोस एक शक्तिशाली आक्रामक मिसाइल हथियार प्रणाली है जिसे पहले ही सशस्त्र बलों में शामिल किया जा चुका है।
आज का लॉन्च भारत द्वारा चांदीपुर स्थित आईटीआर से वर्टिकली लॉन्च शॉर्ट रेंज सरफेस टू एयर मिसाइल (वीएल-एसआरएसएएम) के सफल परीक्षण के एक दिन बाद आया है। डीआरडीओ द्वारा डिजाइन किया गया सिस्टम भारतीय नौसेना के लिए विकसित किया गया है, और यह लगभग 15 किमी की दूरी पर लक्ष्य को भेद सकता है।
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