हर दिन कोई ने कोई बुरी खबर मिलने के बीच कांग्रेस के लिए एक अच्छी खबर है। शिवसेना यूपीए में शामिल हो सकती है। इसके संकेत पार्टी सांसद संजय राउत ने दिए हैं। इस बात को नहीं भूला जा सकता है कि 2004 से 14 के बीच देश में यूपीए सत्ता में थी।
संजय राउत का दावा है कि उन्होंने हाल ही में राहुल गांधी के साथ हुई बैठक में उन्होंने कहा था कि उन्हें संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन यानी यूपीए के नेतृत्व को फिर से मजबूत बनाना चाहिए।
ममता बनर्जी ने कहा था-अब यूपीए नहीं है
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस पार्टी प्रमुख ममता बनर्जी इन दिनों बिना कांग्रेस विपक्ष को एकजुट करने में एड़ी-चोटी एक कर रही हैं। इस स्थिति में शिवसेना का यह रुख कांग्रेस के लिए संजीवनी से कम नहीं है। ममता बनर्जी ने हाल ही में अपने तीन दिन के मुंबई दौरे के दौरान राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी प्रमुख शरद पवार के साथ ही शिवसेना नेता संजय राउत और आदित्य ठाकरे से भी मुलाकात की थी। इस दौरान उन्होंने पवार की उपस्थिति में कांग्रेस पर खुलकर प्रहार करते हुए यूपीए के अस्तित्व पर सवाल उठाया था। उन्होंने कहा था कि अब कोई यूपीए नहीं है।
शिवसेना का ममता का विरोध
शिवसेना ने ममता के उस बयान का विरोध किया है। इस पार्टी का कहना है कि बिना कांग्रेस कोई भी विपक्षी मोर्चा संभव नहीं है। संजय राउत ने अपने बयान में यह भी कहा कि राहुल गांधी से मुलाकात के दौरान उन्होंने खुद उनसे यूपीए को पुनर्जीवित करने का आग्रह किया। इस बारे में बात करते हुए राउत ने संकेत दिए कि शिवसेना यूपीए में शामिल हो सकती है।
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शिवसेना के लिए कांग्रेस ज्यादा महत्वपूर्ण
बता दें कि पिछले दो साल से महाराष्ट्र में महाविकास आघाड़ी की सरकार है। इसमें तीन पार्टियां शिवसेना, राकांपा और कांग्रेस शामिल हैं। इसलिए उनके लिए ममता बनर्जी से अधिक राहुल और सोनिया गांधी महत्वपूर्ण हैं। राउत ने कहा है कि हम उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में महाराष्ट्र में सरकार चला रहे हैं। इसलिए हमें राष्ट्रीय स्तर पर भी ऐसी ही व्यवस्था बनानी चाहिए।