2020 में एक्सप्रेसवे सहित राष्ट्रीय राजमार्गों पर हुई सड़क दुर्घटनाओं में कुल 47,984 लोग मारे गए। यह जानकारी संसद में दी गई। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा कि 2019 में एक्सप्रेसवे सहित राष्ट्रीय राजमार्गों पर सड़क दुर्घटनाओं में 53,872 लोग मारे गए थे, जबकि 2020 में कुल 47,984 लोगों ने जान गंवाई।
गडकरी ने कहा कि राष्ट्रीय राजमार्गों पर दुर्घटनाओं के प्रमुख कारणों में वाहनों की डिजाइन और स्थिति, सड़क इंजीनियरिंग, गति, शराब और नशीली दवाओं का उपयोग, गलत दिशा में गाड़ी चलाना, मोबाइल फोन का उपयोग आदि शामिल हैं।
सड़क सुरक्षा में सुधार के दिशा-निर्देश जारी
केंद्रीय परिवहन मंत्री ने यह भी कहा कि मंत्रालय ने वाहनों की डिजाइन, निर्माण और स्वतंत्र सड़क सुरक्षा ऑडिट के माध्यम से सड़क सुरक्षा में सुधार के दिशा-निर्देश जारी किए हैं।
उस समय देखी गई योग्य चालकों की कमी
एक अन्य सवाल का जवाब देते हुए गडकरी ने कहा कि मार्च-अप्रैल 2021 में ऑक्सीजन संकट के दौरान लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन टैंकरों को चलाने के लिए तकनीकी रूप से योग्य ड्राइवरों की कमी थी। उन्होंने कहा, “तरल ऑक्सीजन के परिवहन की आवश्यकता, ऑक्सीजन प्रबंधन की विस्तारित अवधि, क्रायोजेनिक टैंकरों की सूची में वृद्धि, उच्च थकान-दुर्घटना दर को ध्यान में रखते हुए, मंत्रालय ने राज्यों को खतरनाक माल ढुलाई के लिए प्रशिक्षित ड्राइवरों को तैयार करने की सलाह जारी की है।”
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इन राज्यों में ऑनलाइन ई-एफआईआर सुविधा उपलब्ध
एक अन्य प्रश्न का उत्तर देते हुए, गडकरी ने कहा कि 2016 से 2018 तक राष्ट्रीय राजमार्गों पर कुल 5,803 ब्लैक स्पॉट की पहचान की गई थी। गडकरी ने यह भी कहा कि पांच राज्यों / केंद्र शासित प्रदेशों दिल्ली, मध्य प्रदेश, ओडिशा, राजस्थान और उत्तर प्रदेश ने अपने-अपने राज्यों से वाहनों, मोबाइल फोन और दस्तावेजों की चोरी की शिकायतों के लिए नागरिक सेवा पोर्टल पर ऑनलाइन ई-एफआईआर सुविधा उपलब्ध कराई है।