जब तक सूरज चांद रहेगा, बिपिन जी का नाम रहेगा, भारत माता की जय जैसे नारों की गूंज के साथ देश के प्रथम डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत और उनकी पत्नी मधुलिका रावत पंचतत्व में विलीन हो गए। 10 दिसंबर को शाम पांच बजे दिल्ली के बरार स्क्वायर स्थित श्मशान भूमि में उनका अंतिम संस्कार किया गया। देश के इस सपूत को 17 तोपों की सलामी देने के साथ ही 33 सैन्यकर्मियों ने आखिरी विदाई दी।
10 दिसंबर को दोपहर तीन बजे, कामराजमार्ग स्थित उनके निवास से अंतिम यात्रा निकाली गई, जिसमें हजारों लोग शामिल हुए। सबकी आंखें भले ही नम थीं, लेकिन उन्हें उनकी बहादुरी पर गर्व भी था। वे उनके पार्थिव शरीर पर पुष्प वर्षा कर अंतिम श्रद्धांजलि दे रहे थे। वे भारत माता के इस सपूत के लिए तरह-तरह के नारे लगा रहे थे। सीडीएस रावत और उनकी पत्नी को उनकी बेटियों कृतिका और तारिणी ने रुढ़ियों को तोड़ते हुए मुखाग्नि दी। इसके साथ ही जनरल बिपिन रावत और उनकी पत्नी के शव एक साथ चिता पर रखे गए।
वीर सपूत को मेरा नमन 🙏 pic.twitter.com/qWMgS3EBXj
— Dr Mansukh Mandaviya (@mansukhmandviya) December 10, 2021
परिजनों के साथ ही कई देश के सेनाअध्यक्ष रहे मौजूद
अंतिम सफर के समय जनरल रावत के छोटे भाई का परिवार और मधुलिका रावत के परिवार के सदस्य उपस्थित थे। इनके साथ ही सैनिकों के परिवार और राजनैतिक हस्तियां, कई देशों के सेनाध्यक्ष और राजनयिक भी उपस्थित थे। उनके कद का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इजरायल, अमेरिका, फ्रांस और रुस सहित कई अन्य देशों ने भी उनके निधन पर शोक व्यक्त किया और श्रद्धांजलि दी।
इससे पहले 9 दिसंबर को प्रधानमंत्री मोदी ने उनके पार्थिव शरीर का अंतिम दर्शन करते हुए कहा कि सेना में उनकी सेवा और समर्पण को भूलाया नहीं जा सकता।
Paid my last respects to Gen Bipin Rawat, his wife and other personnel of the Armed Forces. India will never forget their rich contribution. pic.twitter.com/LAq83VfoBf
— Narendra Modi (@narendramodi) December 9, 2021
ब्रिगेडियर एलएस लिड्डर का भी किया गया अंतिम संस्कार
इससे पहले सुबह नौ बजे इसी हादसे में जान गंवाने वाले ब्रिगेडियर एलएस लिड्डर का भी अंतिम संस्कार भी यहीं पर किया गया। उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल, हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर भी मौजूद थे।