महाराष्ट्र राज्य माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की दसवीं और बारहवीं की परीक्षाओं को लेकर कोरोना के नए वेरिएंट ओमिक्रोन के कारण प्रदेश में भ्रम की स्थिति है। हालांकि जो प्रस्ताव राज्य सरकार को भेजा गया है, उसके अनुसार बोर्ड परीक्षा पारंपरिक रूप से यानी ऑफलाइन आयोजित की जाएगी। लेकिन किसी भी आपात स्थिति में, परीक्षा के संबंध में निर्णय सरकार के आदेश के अनुसार लिया जाएगा। यह जानकारी राज्य बोर्ड के अध्यक्ष शरद गोसावी ने दी है।
ओमिक्रोन के खतरे से बढ़ा असमंजस
पिछले कुछ दिनों से राज्य में कोरोना के नए वेरिएंट ओमिक्रोन का खतरा मंडराने लगा है। डोंबीवली और पुणे तथा पिंपरी चिंचवड़ के बाद नागपुर में भी ओमिक्रोन का एक मरीज पाया गया है। इस कारण सरकार की चिंता बढ़ रही है और बोर्ड परीक्षा को लेकर दावे के साथ कुछ भी कहना मुश्किल है। यही वजह है कि राज्य में लाखों शिक्षक, अभिभावक और छात्र असमंजस की स्थिति में हैं। हालांकि, राज्य माध्यमिक और उच्च माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने कहा है कि वह पारंपरिक तरीके से बोर्ड की परीक्षाएं आयोजित करने का प्रयास करेगा।
परिस्थिति पर निर्भर
बोर्ड के अध्यक्ष शरद गोसावी ने कहा, ‘बोर्ड ने ऑफलाइन एग्जाम कराने का प्रस्ताव राज्य सरकार को सौंपा है। लेकिन इस बारे मे अंतिम फैसला सरकार को करना है। आपात स्थिति में बोर्ड को भी अपना निर्णय बदलना पड़ सकता है। इसलिए परीक्षा का स्वरुप क्या होगा, यह परिस्थिति पर निर्भर करेगा।
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बैठक में लिया गया ऐसा निर्णय
इस बीच बोर्ड ने हमेशा की तरह फरवरी-मार्च में 10वीं और 12वीं की परीक्षाएं कराने की तैयारी शुरू कर दी है। उच्च माध्यमिक स्कूल शिक्षा विभाग ने इस संबंध में वरिष्ठ शिक्षा अधिकारियों, प्रधानाध्यापकों, शैक्षिक संघों और विशेषज्ञों की बैठक बुलाई थी, जिसमें निर्णय लिया गया कि पिछले साल कम किए गए 25 प्रतिशत पाठ्यक्रम को छोड़कर बाकी विषयों की परीक्षाएं आयोजित की जाएंगी। यह मुद्दा राज्य सरकार को सौंपे गए प्रस्ताव में भी शामिल है।