प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने काशी विश्वनाथ धाम पर हु मुगल आक्रमण का जिक्र करते हुये कहा कि अगर यहां कोई औरंगजेब आता है तो शिवाजी भी उसे रोकने के लिए उठ खड़े हो जाते हैं! कोई सालार मसूद इधर बढ़ता है तो राजा सुहेलदेव जैसे वीर योद्धा उसे हमारी एकता की ताकत का अहसास करा देते हैं।
काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का उद्घाटन करने के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि पुराणों में कहा गया है कि जैसे ही कोई काशी में प्रवेश करता है, वह सारे बंधनों से मुक्त हो जाता है। काशी तो काशी है! काशी तो अविनाशी है। काशी में एक ही सरकार है, जिनके हाथों में डमरू है, उनकी सरकार है। जहां गंगा अपनी धारा बदलकर बहती हों, उस काशी को भला कौन रोक सकता है?
इस देश की मिट्टी बाकी दुनिया से कुछ अलग
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आतातायियों ने इस नगरी पर आक्रमण किये, इसे ध्वस्त करने के प्रयास किया। औरंगजेब के अत्याचार, उसके आतंक का इतिहास साक्षी है। जिसने सभ्यता को तलवार के बल पर बदलने की कोशिश की, जिसने संस्कृति को कट्टरता से कुचलने की कोशिश की! लेकिन इस देश की मिट्टी बाकी दुनिया से कुछ अलग है।
काशी वह है- जहां मृत्यु भी मंगल हैः पीएम
पीएम ने कहा कि काशी शब्दों का विषय नहीं है, संवेदनाओं की सृष्टि है। काशी वह है- जहां जागृति ही जीवन है! काशी वह है- जहां मृत्यु भी मंगल है! काशी वह है- जहां सत्य ही संस्कार है! काशी वह है- जहां प्रेम ही परंपरा है।
भगवान शंकर की प्रेरणा….
अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने कहा कि बनारस वह नगर है, जहां से जगद्गुरु शंकराचार्य को श्रीडोम राजा की पवित्रता से प्रेरणा मिली, उन्होंने देश को एकता के सूत्र में बांधने का संकल्प लिया। यह वो जगह है, जहां भगवान शंकर की प्रेरणा से गोस्वामी तुलसीदास जी ने रामचरित मानस जैसी अलौकिक रचना की।
ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व
प्रधानमंत्री ने कह कि यहीं की धरती सारनाथ में भगवान बुद्ध का बोध संसार के लिए प्रकट हुआ। समाज सुधार के लिए कबीरदास जैसे मनीषी यहां प्रकट हुये। समाज को जोड़ने की जरूरत थी, तो संत रैदास जी की भक्ति की शक्ति का केंद्र भी यही काशी बनी।