अब केंद्र सरकार की तैयारी, गैरकानूनी जाकिर नाईक की बारी!

इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन का अध्यक्ष जाकिर नाईक फरार है। वह विदेश में बैठकर भारत में धार्मिक उन्माद फैलाने के प्रयत्न में लगातार लगा हुआ है।

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इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन का मुखिया जाकिर नाइक लोगों में अपने भाड़काऊ भाषण और साहित्य के माध्यम से विद्रोह फैला रहा है। इस प्रकरण में केंद्र सरकार ने कार्रवाई करते हुए संस्था पर प्रतिबंध लगा रहा है। इसमें अगली कार्रवाई के अंतर्गत केंद्र सरकार को दिल्ली हाई कोर्ट की यूएपीए ट्रिब्यूनल ने नोटिस जारी किया है।

सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि यूएपीए की धारा 3(1) की प्रदत्त शक्तियों का इस्तेमाल करते हए केंद्र ने आईआरएफ को एक गैरकानूनी संगठन के रूप में घोषित किया है। केंद्र सरकार का ऐसा मानना है कि आईआरएफ और उसके सदस्य विशेष रूप से इस फाउंडेशन का संस्थापक और अध्यक्ष जाकिर नाइक अपने अनुयायियों को विभिन्न धार्मिक समुदायों और समूहों के बीच नफरत फैलाने का काम करता है। जाकिर नाइक ने टीवी नेटवर्क, प्रिंट और सोशल मीडिया के जरिये दुनियाभर में लाखों लोगों के सामने कट्टरपंथी बयान और भाषण दिए हैं।

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केंद्र का मानना है कि अगर आईआरएफ की गैरकानूनी गतिविधियों पर तुरंत रोक नहीं लगाई गई और इसे तुरंत नियंत्रित नहीं किया गया तो वह लोगों के मन में सांप्रदायिक वैमनस्य की भावना पैदा कर लोगों को देश के धर्मनिरपेक्ष ताने-बाने को भंग करने के लिए उकसाने का काम करेगा। इससे देशविरोधी भावनाओं का प्रचार होगा। उल्लेखनीय है कि यूएपीए एक्ट के तहत इसकी पुष्टि ट्रिब्यूनल से करवाना जरूरी है। इस पर अगली सुनवाई 28 दिसंबर को होगी।

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