देश का बंटवारा होने के बाद पाकिस्तान से हिंदुस्तान आए लोगों की 70 साल से जारी परेशानी का समाधान होने जा रहा है। दिल्ली विकास प्राधिकरण की ओर से 1950 से 1960 के बीच पाकिस्तान से आए हिंदू शरणार्थियों को उनकी संपत्ति का मालिकाना हक मिलने जा रहा है। 22 दिसंबर को डीडीए ने यह जानकारी दी है। दिल्ली में ऐसे 1500 से अधिक परिवार हैं, जो बंटवारे के समय पाकिस्तान से आए थे। उन लोगों के पास आज तक संपत्ति का मालिकाना हक नहीं है। ऐसे परिवारों को डीडीए की ओर से एक बार अवसर दिया जा रहा है।
डीडीए जो जानकारी दी है कि जिन लोगों ने सरकारी जमीन पर मकान बनाए थे, उनकी संपत्तियों को नियमित किया जाएगा।
अधिकार देने की लगाई थी गुहार
बता दें कि दिल्ली में कच्ची कालोनियों को मालिकाना हक दिए जाने का अभियान चलाया जा रहा है। पाकिस्तान से आए इन हिंदू परिवारों ने भी डीडीए से संपत्ति का अधिकार देने की गुहार लगाई थी। उनकी समस्याओं को समझते हुए डीडीए अधिकारियों ने उनकी मांग को मान ली। इसके लिए इन्हें सर्किल रेट से शुल्क अदा करना होगा। उसके बाद संपत्तियों को उनके नाम पर कर दिया जाएगा। इससे लोग नक्शे के आधार पर पक्का घर बना सकेंगे।
समस्या का समाधान नहीं होने के हैं कई कारण
अधिकारियों का कहना है कि इनकी इस समस्या का समाधान नहीं होने के कई कारण हैं। कई बार विभाग की ओर से इन पर मुकदमा कर दिया गया, जिसके चलते इन संपत्तियों का अधिकार इन्हें नहीं दिया जा सका।