महाराष्ट्र विधान सभा अध्यक्ष के चुनाव की तारीख घोषित कर दी गई है। सलाहकार समिति की बैठक में यह निर्णय लिया गया है। चुनाव 28 दिसंबर को कराए जाने की घोषणा कर दी गई है। इस दिन शीतकालीन सत्र समाप्त होगा।
विपक्ष भारतीय जनता पार्टी ने इस चुनाव को लेकर आपत्ति जताई है। पार्टी के विधायक सुधीर मुनगंटीवार ने कहा है कि भाजपा के 12 विधायक निलंबित हैं और वे इस चुनाव में हिस्सा नहीं ले पाएंगे। इस स्थिति में यह चुनाव पूरी तरह गलत और अवैध है।
इसलिए विपक्ष के 12 विधायक किए गए थे निलंबति
5 जुलाई 2021 को मानसून सत्र के दौरान विधानसभा के पीठासीन अधिकारी भास्कर जाधव से कथित दुर्व्यवहार को लेकर भाजपा के 12 विधायकों को निलंबित कर दिया गया था।
विपक्ष का आरोप
विधानसभा में विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस ने सत्तापक्ष के आरोप को गलत बताया था। फडणवीस ने कहा था कि भाजपा विधायकों ने पीठासीन अधिकारी से किसी भी तरह का दुर्व्यवहार नहीं किया। उन्होंने कोई अपशब्द नहीं कहे। विपक्षी नेता ने आरोप लगाया था कि यह सदन में विपक्ष की ताकत को कम करने की साजिश है। हमने निकाय चुनावों में ओबीसी के आरक्षण को लेकर सरकार के खिलाफ जो मुद्दा उठाया था, उसके कारण यह निलंबन की कार्यवाही की गई है।
भाजपा ने खटखटाया था सर्वोच्च न्यायालय का दरवाजा
निलंबन के विरोध में भाजपा ने सदन से वाकआउट किया था। इसके साथ ही 12 निलंबित विधायकों ने राज्यपाल से मुलाकात कर इसे एकतरफा कार्यवाही बताई थी। उन्होंने इस मामले में राज्यपाल से उचित कार्रवाई की भी मांग की थी। उसके बाद 12 विधायकों ने निलंबन के खिलाफ सर्वोच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था। लेकिन वहां से उन्हें कोई राहत नहीं मिली है। न्यायालय ने कहा कि इस तरह के निलंबन मे विधायिका को न्यायालय द्वारा निर्देश नहीं दिया जाना चाहिए। न्यायालय ने कहा कि निलंबन की कार्यवाही उनके नियमों के अनुरुप हो सकती है।
ये हैं निलंबित भाजपा विधायक
निलंबित भाजपा विधायकों में अतुल भतखलकर, राम सतपुते, आशीष शेलार, संजय कुटे, योगेश सागर, कीर्तिकुमार बागड़िया, गिरीश महाजन, जयकुमार रावल, अभिमन्यु पवार, पराग अलवानी, नारायण कुचे और हरीश पिंपल शामिल हैं।सर्वोच्च न्यायालय ने 14 दिसंबर को इस मामले में कोई स्पष्ट फैसला नहीं दिया। मामले की अगली सुनवाई 11 जनवरी को होगी।
नाना पटोले के इस्तीफे के बाद खाली हुआ है पद
बता दें कि नाना पटोले के अध्यक्ष पद से त्याग पत्र देने के बाद से ही यह पद खाली है। उन्हें फिलहाल कांग्रेस ने प्रदेश अध्यक्ष बनाया है। शिवसेना और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के साथ सरकार में शामिल कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए विधायक को नामित करेगी। नए विधानसभा अध्यक्ष प्रभावी रुप से बजट सत्र से अपना कामकाज शुरू करेगा।
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गुप्त मतदान से चुनाव कराने की मांग
बता दें कि 23 दिसंबर को सुधीर मुनगंटीवार ने कहा था कि विधानसभा अध्यक्ष पद का चुनाव विपक्ष के साथ बैठकर भी किया जा सकता है, लेकिन सत्ताधारी पार्टियां ऐसा नहीं करना चाहती हैं। मुनगंटीवार ने आरोप लगाया था कि सत्ताधारी पार्टियों में धैर्य की कमी है। उन्होंने कहा था कि अध्यक्ष का चुनाव ध्वनिमत से नहीं कराया जाना चाहिए, बल्कि गुप्त मतदान से कराया जाना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा था कि प्रभारी अध्यक्ष को भी इस बात पर ध्यान देना चाहिए और उन्हें गुप्त मतदान से ही विधानसभा अध्यक्ष के चुनाव की अनुमति देनी चाहिए।