प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 26 दिसंबर को मन की बात में देश को संबोधित किया। यह इस वर्ष का उनके रेडियो मासिक कार्यक्रम मन की बात का अंतिम एपिसोड है। पीएम ने इस कार्यक्रम में दिवंगत ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह की वीरता की प्रशंसा की। उन्होंने इस समय उनके द्वारा लिखी गई आखिरी चिट्ठी की चर्चा की। पीएम ने कहा कि वरुण सिंह ने पत्र भले ही विद्यार्थियों के लिए लिखा, लेकिन उन्होंने हर किसी को प्रेरित करने वाली बात लिखी।
पीएम ने नए साल में और बेहतर होने के संकल्प लेने की अपील की। उन्होंने कहा कि नए वर्ष में कुछ और बेहतर होने वाला है।
दिवंगत ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह को किया याद
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दिवंगत चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत और हादसे के समय उनका हेलिकॉप्टर उड़ा रहे ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह को याद किया। पीएम ने वरुण सिंह द्वारा अपने प्रधानाचार्य को लिखी चिट्ठी का भी जिक्र किया, जिसमें वह छात्रों को प्रेरित करते हुए लिखते हैं कि सामान्य छात्र होना भी कोई बुरी बात नहीं है। 90 प्रतिशत हमेशा ना ला पाना कोई खराब बात नहीं है।
भारतीय वायुसेना का आदर्श वाक्य
प्रधानमंत्री मोदी ने ‘मन की बात’ के 84वें संस्करण को संबोधित करते हुए कहा कि महाभारत के युद्ध के समय, भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को कहा था – ‘नभः स्पृशं दीप्तम्’ यानि गर्व के साथ आकाश को छूना। यह भारतीय वायुसेना का भी आदर्श वाक्य है। मां भारती की सेवा में लगे अनेक जीवन आकाश की इन बुलंदियों को रोज गर्व से छूते हैं, हमें बहुत कुछ सिखाते हैं। ऐसा ही एक जीवन रहा ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह का। उन्होंने कहा कि वरुण सिंह, उस हेलीकॉप्टर को उड़ा रहे थे, जो इस महीने तमिलनाडु में हादसे का शिकार हो गया। उस हादसे में, हमने, देश के पहले सीडीएस जनरल बिपिन रावत और उनकी पत्नी समेत कई वीरों को खो दिया। वरुण सिंह भी मौत से कई दिन तक जांबाजी से लड़े, लेकिन फिर वो भी हमें छोड़कर चले गए।
स्कूल के प्रिंसिपल को लिखा था पत्र
पीएम ने कहा कि वरुण जब अस्पताल में थे, उस समय मैंने सोशल मीडिया पर कुछ ऐसा देखा, जो मेरे ह्रदय को छू गया। इस साल अगस्त में ही उन्हें शौर्य चक्र दिया गया था। इस सम्मान के बाद उन्होंने अपने स्कूल के प्रिंसिपल को एक चिट्ठी लिखी थी। इस चिट्ठी को पढ़कर मेरे मन में पहला विचार यही आया कि सफलता के शीर्ष पर पहुंच कर भी वे जड़ों को सींचना नहीं भूले। दूसरा – कि जब उनके पास जश्न मनाने का समय था, तो उन्होंने आने वाली पीढ़ियों की चिंता की। वो चाहते थे कि जिस स्कूल में वो पढ़े, वहां के विद्यार्थियों की जिंदगी भी एक जश्न बने। अपने पत्र में वरुण सिंह जी ने अपने पराक्रम का बखान नहीं किया बल्कि अपनी असफलताओं की बात की। कैसे उन्होंने अपनी कमियों को काबिलियत में बदला, इसकी बात की।
पूरे देश को किया प्रेरित
प्रधानमंत्री ने कहा कि वरुण ने लिखा था कि यदि वो एक भी छात्र को प्रेरणा दे सकें, तो यह भी बहुत होगा। लेकिन, आज मैं कहना चाहूंगा कि उन्होंने पूरे देश को प्रेरित किया है। उनका पत्र भले ही केवल छात्रों से बात करता हो, लेकिन उन्होंने हमारे पूरे समाज को सन्देश दिया है।
प्रधानमंत्री मोदी ने ‘मन की बात’ के 84वें संस्करण को संबोधित करते हुए कहा कि वह हर साल तमाम विषयों पर विद्यार्थियों के साथ परीक्षा पर चर्चा करते हैं। इस साल भी परीक्षा से पहले वह छात्रों के साथ चर्चा करने की योजना बना रहे हैं। इस कार्यक्रम के लिए दो दिन बाद 28 दिसंबर से http://MyGov.in पर registration भी शुरू होने जा रहा है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि यह पंजीकरण 28 दिसंबंर से 20 जनवरी तक चलेगा। इसके लिए कक्षा 9 से 12वीं तक के छात्र, शिक्षक और अभिभावकों के लिये आनलाइन प्रतियोगिता भी आयोजित होगी। उन्होंने कहा कि मैं चाहूंगा कि आप सब इसमें जरुर हिस्सा लें।2018 से करते आ रहे हैं संबोधित
उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री मोदी वर्ष 2018 से देशभर के विद्यार्थियों को बोर्ड परीक्षाओं के तनाव से निपटने के मंत्र देने के लिये परीक्षा पे चर्चा कार्यक्रम को संबोधित करते आ रहे हैं।