केंद्र सरकार ने उत्तर प्रदेश को बड़ा उपहार दिया है। अब राज्य की राजधानी में बनी मिसाइल सीमा पर गूंजेगी। इस निर्णय से राज्य सरकार में खुशी है। मुख्यमंत्री ने इसे राज्य के लिए गौरवान्वित निर्णय बताया है।
नए निर्णय के अनुसार भारत और रूस के संयुक्त प्रयास से निर्मित ब्रम्होस मिसाइल का निर्माण अब लखनऊ में होगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने डिफेंस कॉरिडोर के निर्माण पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए, इससे नौकरी के अवसर निर्मित होने का विश्वस व्यक्त किया है।
ब्रह्मोस का प्रोडक्शन अब लखनऊ में होगा।
लखनऊ, अब केवल 'मुस्कुराइए,आप लखनऊ में हैं' के लिए नहीं जाना जाएगा। लखनऊ अब दुश्मन देश के विरुद्ध दहाड़ेगा भी।
यहां पर बनने वाली मिसाइल भारत की सुरक्षा पंक्ति को सुदृढ़ करेगी। डिफेंस कॉरिडोर युवाओं के लिए रोजगार का बेहतरीन माध्यम भी बनेगा।
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) December 26, 2021
बता दें कि, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 26 दिसंबर, 2021 को उत्तर प्रदेश के लखनऊ, में रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) द्वारा स्थापित रक्षा प्रौद्योगिकी और परीक्षण केंद्र तथा ब्रह्मोस विनिर्माण केंद्र की आधारशिला रखी। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की उपस्थिति में इन दोनों इकाइयों की आधारशिला रखी गई। उत्तर प्रदेश डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर (यूपी डीआईसी) में रक्षा और एयरोस्पेस विनिर्माण कलस्टरों के विकास में तेजी लाने के लिए लगभग 22 एकड़ में फैले अपनी तरह के पहले रक्षा प्रौद्योगिकी और परीक्षण केंद्र (डीटीटीसी) की स्थापना की जा रही है। इसमें निम्नलिखित छह उपकेंद्र शामिल होंगे:
- डीप-टेक इनोवेशन एंड स्टार्टअप इनक्यूबेशन सेंटर
- डिजाइन और सिमुलेशन केंद्र
- परीक्षण और मूल्यांकन केंद्र
- उद्योग 4.0/डिजिटल विनिर्माण केंद्र
- कौशल विकास केंद्र
- व्यवसाय विकास केंद्र
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, “हम कभी भी हमलावर नहीं रहे हैं, लेकिन विद्वेषपूर्ण इरादों के साथ किसी भी राष्ट्र के विरुद्ध अपने नागरिकों की रक्षा करने के लिए तैयार हैं। ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल प्रणाली का उद्देश्य एक निवारक के रूप में कार्य करना है। यह प्रणाली न केवल भारत और रूस के बीच तकनीकी सहयोग को प्रतिबिम्बित करती है, बल्कि लंबे समय से चले आ रहे सांस्कृतिक, राजनीतिक और राजनयिक संबंधों को भी दर्शाती है। ब्रह्मोस दुनिया का सबसे अच्छा और सबसे तेज सटीक-निर्देशित हथियार करार दिया, जिसने 21वीं सदी में भारत की विश्वसनीय प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत किया है।”
ब्रह्मोस एयरोस्पेस द्वारा घोषित ब्रह्मोस विनिर्माण केंद्र, यूपी डीआईसी के लखनऊ नोड में एक अत्याधुनिक फैसिलिटी है। यह 200 एकड़ से अधिक क्षेत्र को कवर करेगी और नए ब्रह्मोस-एनजी (अगली पीढ़ी) संस्करण का उत्पादन करेगी, जो ब्रह्मोस हथियार प्रणाली को आगे बढ़ाएगी। यह नया केंद्र अगले दो से तीन वर्षों में तैयार हो जाएगा और प्रति वर्ष 80-100 ब्रह्मोस-एनजी मिसाइलों की दर से उत्पादन शुरू करेगा।
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