मालेगांव बम धमाका मामले का एक और गवाह अपने पूर्व बयान से पलट गया है। न्यायालय में उसने कहा है कि एटीएस ने उसे यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के चार नेताओं के नाम लेने के लिए दबाव बनाया था। इस 15वें गवाह का बयान महाराष्ट्र एटीएस ने दर्ज किया था।
मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह उस समय एटीएस के अतिरिक्त आयुक्त के पद कार्यरत थे। 2008 के मालेगांव विस्फोट की एटीएस ने जांच की थी। गवाह ने 28 दिसंबर 2021 को विशेष एनआईए न्यायालय में गवाही दी। बाद में एटीएस से लेकर इस मामले की जांच की जिम्मेदारी एनआईए को सौंप दी गई थी।
परमबीर सिंह और एक अधिकारी पर दबाव बनाने का आरोप
गवाह ने बताया कि एटीएस के तत्कालीन वरिष्ठ अधिकारी परमबीर सिंह और एक अन्य अधिकारी ने उसे यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और इंद्रेश कुमार सहित आरएसएस के चार नेताओं के नाम लेने के लिए मजबूर किया था। उसने दावा किया है कि इसके लिए उसे प्रताड़ित किया गया था। इस मामले में 20 गवाहों का परीक्षण किया गया है, इनमें से 15 अपने पूर्व बयान से मुकर गए हैं।
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2008 में हुआ था विस्फोट
29 सितंबर 2008 में हुए इस विस्फोट में छह लोगों की मौत हो गई थी, जबकि 100 से ज्यादा लोग घायल हो गए थे। मामले में आरोपी और अब लोकसभा सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर, लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद पुरोहित, सुधाकर द्विवेदी, मेजर रमेश उपाध्याय( सेवा निवृत्त), अजय रहीकर, सुधाकर चतुर्वेदी और समीर कुलकर्णी जमानत पर जेल से बाहर हैं।