कितना खतरनाक है ओमिक्रोन? डब्ल्यूएचओ ने बताया

लगातार साक्ष्यों से पता चलता है कि ओमिक्रोन वेरिएंट दो से तीन दिनों में ही संक्रमण के मामलों को दोगुना कर रहा है।

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विश्व स्वास्थ्य संगठन की ओर से 29 दिसंबर को कहा गया है कि कोरोना के ओमिक्रोन वेरिएंट का खतरा बहुत अधिक हो गया है। वैश्विक स्तर पर कोरोना के मामले बहुत तेजी से बढ़ रहे हैं।

पिछले हफ्ते के मुकाबले इस हफ्ते वैश्विक स्तर पर कोराना के मामलों में 11 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। कोरोना का ओमिक्रोन वेरिएंट डेल्टा के मुकाबले बहुत अधिक तेजी से फैलता है।

इन देशों में कहर जारी
ब्रिटेन और अमेरिका में भी वायरस बहुत तेजी से फैल रहा है। इम्यून से बच निकलने की क्षमता और अधिक संक्रामक होने का कॉम्बिनेशन ओमिक्रोन के तेजी से फैलने का कारण हो सकता है।

डब्ल्यूएचओ को उम्मीद
डब्ल्यूएचओ ने कहा है कि ऐसी उम्मीद है कि कोर्टिकोस्टेरॉयड और इंटरल्यूकिन 6 रिसेप्टर ब्लॉकर्स गंभीर रूप से बीमार पड़ रहे मरीजों के इलाज में प्रभावी होंगे। हालांकि, शुरुआती डेटा ये भी बताता है कि मोनोक्लोनर एंटीबॉडीज शरीर में ओमिक्रोन वेरिएंट को बेअसर करने में कम कारगर हो सकती है।

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दो-तीन दिन में बढ़ रहा है दोगुना संक्रमण
लगातार साक्ष्यों से पता चलता है कि ओमिक्रोन वेरिएंट दो से तीन दिनों में ही संक्रमण के मामलों को दोगुना कर रहा है, तेजी से फैल रहा संक्रमण ओमिक्रोन वेरिएंट की आंतरिक गतिमान संचरण क्षमता और इम्यून कमजोरी, दोनों के एकसाथ हो जाने की संभावनाओं को उजागर कर रहा है।

दक्षिण अफ्रीका में मिला था वेरिएंट
बता दें कि कोरोना का ओमिक्रोन वेरिएंट का सबसे पहला मामला दक्षिण अफ्रीका में पिछले महीने पाया गया था। इसे विश्व स्वास्थ्य संगठन ने वेरिएंट ऑफ कंसर्न कहा है।

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