राज्य के अपर मुख्य स्वास्थ्य सचिव ने एक पत्र राज्य के जिलाधिकारियों को भेजा है। इस पत्र में चेतावनी दी गई है कि, संक्रमण की वर्तमान बढ़ोतरी दर को देखते हुए जनवरी के तीसरे सप्ताह तक राज्य में 2 लाख संक्रमित हो सकते हैं। इसके साथ ही यह भी कहा गया है कि, सोशल मीडिया में ओमीक्रॉन को लेकर किये जा रहे वह दावे कि, वह कम खतरनाक है, उस पर विश्वास न करें, इसके लिए वैज्ञानिक दृष्टिकोण से विचार करना होगा।
अपर मुख्य स्वास्थ्य सचिव डॉ.प्रदीप व्यास के पत्र में जिलाधिकारियों को स्पष्ट कहा गया है कि, देश में तीसरी लहर है। वर्तमान समय में जिनोम सिक्वेन्सिंग के जो आंकड़े सामने आ रहे हैं, उसके अनुसार 70 प्रतिशत से अधिक कोरोना संक्रमितों में डेल्टा वेरिएंट पाया जा रहा है। हालांकि, इन आंकड़ों में जिलावार बदलाव भी हो सकता है। अमेरिका, अफ्रीका और यूरोप में जो आंकड़े आ रहे हैं, उसके अनुसार अधिकतर संक्रमितों को अब अस्पताल में भर्ती कराने की आवश्यकता नहीं पड़ती है। यह ओमीक्रॉन के कमजोर वेरिएंट का परिणाम है या बड़े स्तर पर किये जा रहे टीकाकरण का? यह अभी स्पष्ट नहीं हो पाया है। हालांकि, अमेरिका में इस समय बच्चों के संक्रमित होने और अस्पताल में भर्ती होने की संख्या बहुत अधिक है। यह वो समूह है जो टीकाकरण से बाहर है। इसलिए टीकाकरण से वंचित लोगों में कोरोना की वर्तमान लहर अधिक घातक सिद्ध हो रही है।
तो होंगी 80 मौतें
इस पत्र में अनुमान व्यक्त किया गया है कि, देश में 80 लाख के लगभग संक्रमित तीसरी लहर में होंगे। जिसमें से यदि 1 प्रतिशत लोगों की मौत होती है तो भी, 80 हजार लोगों की मौत हो सकती है।
महाराष्ट्र में कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा जनवरी के तीसरे सप्ताह में 2 लाख के लगभग जा सकता है। ऐसी परिस्थिति को नियंत्रित करने के लिए प्रशासन की ओर से नए दिशानिर्देश जारी करने की बात भी कही गई है।