“जिधर युवा चलेगा, उधर भारत चलेगा और जिधर…!” जानिये, मेरठ में पीएम के संबोधन की खास बातें

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2 जनवरी को मेरठ में मेजर ध्यानचंद खेल विश्वविद्यालय का उपहार दिया। उन्होंने सरधना के सलावा में खेल विश्वविद्यालय का शिलान्यास किया। सड़क के रास्ते मेरठ पहुंचे पीएम ने सबसे पहले औघड़नाथ मंदिर और काली पल्टन मंदिर में पूजा-अर्चना की। उसके बाद शहीद स्मारक में 1857 के हुतात्माओं को नमन किया। वहां से वे राजकीय स्वतंत्रता संग्राम संग्रहालय का निरीक्षण करने पहुंचे। उसके बाद वे सलावा पहुंचे। इस दौरान पीएम ने खिलाड़ियों से मुलाकात कर उनसे बातचीत भी की।

मेरठ में पीएम अलग अंदाज में दिखे। वे व्यायामशाला में उपकरण को देखकर खुद को रोक नहीं पाए। उनका यह वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है।

प्रधानमंत्री ने जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि देश में खेलों के लिए जरूरी है कि हमारे युवाओं में खेलों को लेकर विश्वास पैदा हो, खेल को अपना प्रॉफेशन बनाने का हौसला बढ़े। यही मेरा संकल्प भी है, और सपना भी।

संबोधन की खास बातें

  • सरकारों की भूमिका अभिभावक की तरह होती है। योग्यता होने पर बढ़ावा भी दे और गलती होने पर ये कहकर ना टाल दे कि लड़कों से गलती हो जाती है।
  • आज योगी जी की सरकार, युवाओं की रिकॉर्ड सरकारी नियुक्तियां कर रही है। आईटीआई से ट्रेनिंग पाने वाले हजारों युवाओं को बड़ी कंपनियों में रोजगार दिलवाया गया है।
  • नेशनल अप्रेंटिसशिप योजना हो या फिर प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना, लाखों युवाओं को इसका लाभ दिया गया है। जो नई नेशनल एजुकेशन पॉलिसी लागू हो रही है, उसमें भी खेल को प्राथमिकता दी गई है। स्पोर्ट्स को अब उसी श्रेणी में रखा गया है, जैसे साईंस, कॉमर्स या दूसरी पढ़ाई हो।
  • पहले खेल को एक्स्ट्रा एक्टिविटी माना जाता था, लेकिन अब स्पोर्ट्स स्कूल में बाकायदा एक विषय होगा।
  • खिलाड़ियों को चाहिए- संसाधन, खिलाड़ियों को चाहिए- ट्रेनिंग की आधुनिक सुविधाएं, खिलाड़ियों को चाहिए- अंतरराष्ट्रीय एक्सपोजर, खिलाड़ियों को चाहिए- चयन में पारदर्शिता
  • हमारी सरकार ने बीते वर्षों में भारत के खिलाड़ियों को ये चार शस्त्र जरूर मिलें, इसे सर्वोच्च प्राथमिकता दी है।
  • युवा नए भारत का कर्णधार भी है, विस्तार भी है। युवा नए भारत का नियंता भी है, नेतृत्वकर्ता भी है।
  • हमारे आज के युवाओं के पास प्राचीनता की विरासत भी है, आधुनिकता का बोध भी है। और इसलिए, जिधर युवा चलेगा उधर भारत चलेगा। और जिधर भारत चलेगा उधर ही अब दुनिया चलने वाली है।
  • पहले की सरकारों में यूपी में अपराधी अपना खेल खेलते थे, माफिया अपना खेल खेलते थे। पहले यहां अवैध कब्जे के टूर्नामेंट होते थे, बेटियों पर फब्तियां कसने वाले खुलेआम घूमते थे।
  • हमारे मेरठ और आसपास के क्षेत्रों के लोग कभी भूल नहीं सकते कि लोगों के घर जला दिए जाते थे और पहले की सरकार अपने खेल में लगी रहती थी।
  • पहले की सरकारों के खेल का ही नतीजा था कि लोग अपना पुश्तैनी घर छोड़कर पलायन के लिए मजबूर हो गए थे।
  • अब योगी जी की सरकार ऐसे अपराधियों के साथ जेल-जेल खेल रही है। पांच साल पहले इसी मेरठ की बेटियां शाम होने के बाद अपने घर से निकलने से डरती थीं। आज मेरठ की बेटियां पूरे देश का नाम रौशन कर रही हैं।
  • मेरठ, देश की एक और महान संतान, मेजर ध्यान चंद जी की भी कर्मस्थली रहा है।
  • कुछ महीने पहले केंद्र सरकार ने देश के सबसे बड़े खेल पुरस्कार का नाम दद्दा के नाम पर किया था।
  • आज मेरठ की स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी मेजर ध्यान चंद जी को समर्पित की जा रही है। मेरठ और आसपास के इस क्षेत्र ने स्वतंत्र भारत को भी नई दिशा देने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
  • राष्ट्ररक्षा के लिए सीमा पर बलिदान हों या फिर खेल के मैदान में राष्ट्र के लिए सम्मान, राष्ट्रभक्ति की अलख को इस क्षेत्र ने प्रज्जवलित रखा है।

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