फिर खुली राज्यों की लापरवाही की पोल! मेडिकल सुविधाओं पर फंड का मात्र ‘इतना’ प्रतिशत हुआ खर्च

राज्यों में स्वास्थ्य के बुनियादी ढांचे को मजबूत कने के लिए अगस्त 2021 में केंद्रीय सरकार की कैबिनेट की बैठक में एक पैकेज मंजूर किया गया था।

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देश में कोरोना के साथ ही इसके नए वेरिएंट ओमिक्रोन के आंकड़े लगातार बढ़ते जा रहे हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि देश में कोरोना महामारी की तीसरी लहर की शुरुआत हो चुकी है। इस स्थिति में केंद्र के साथ ही राज्य सरकारों को सावधान और तैयार रहने की जरुरत है। लेकिन केंद्र सरकार ने एक चौंकाने वाला खुलासा किया है।

मात्र 17-18 प्रतिशत ही किया गया  उपयोग
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार देश के राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को 23 हजार 123 करोड़ रुपए आपातकालीन कोविड प्रतिक्रिया पैकेज यानी ईसीआर पी-2 के तहत उपलब्ध कराए गए हैं। उनमें से मात्र 17 प्रतिशत ही खर्च किया गया है। स्वास्थ्य के बुनियादी ढांचे को मजबूत कने के लिए अगस्त 2021 में केंद्रीय सरकार की कैबिनेट की बैठक में इस पैकेज को मंजूर किया गया था। इसके अंतर्गत उत्तर प्रदेश, कर्नाटक, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, मध्य प्रदेश और आंध्र प्रदेश को 23 हजार 56 आईसीयू बेड का प्रबंध करना था।

केंंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने की समीक्षा बैठक
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडविया ने राज्यों के स्वास्थ्य मंत्रियों के साथ ही वरिष्ठ अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक में उन्हें सावधान रहने की सलाह दी। यह बैठक ऐसे समय में हुई है, जब देश में कोरोना का आंकड़ा हर दिन तेजी से बढ़ रहा है। 2 जनवरी 2022 को यह आंकड़ा 27 हजार से ज्यादा था। इससे पहले 26 दिसंबर 2021 को भारत में कोरोना के नए मामले मात्र 6,531 थे। इसी से समझा जा सकता है कि स्थिति कितनी तेजी से भयानक होती जा रही है।

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राज्यों को केंद्र की सलाह
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने राज्यों से कहा है कि कोरोना महामारी की गंभीरता को देखते हुए उनको जल्द से जल्द फंड का उपयोग कर स्वास्थ्य ढांचे में सुझार करना चाहिए और आगे की लड़ाई के लिए तैयार रहना चाहिए।

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