लखीमपुर खीरी हिंसा में 3 जनवरी को मुख्य आरोपी आशिष मिश्रा के साथ ही अन्य तीन के खिलाफ एसआईटी न्यायालय में शपथ पत्र दायर किया गया है। घटना के 88 दिनों बाद यह शपथ पत्र दायर किया गया । पत्र में आशीष मिश्रा उर्फ मोनू को मुख्य आरोपी बनाया गया है। एसआईटी का शपथ पत्र लगभग पांच हजार पन्नों का है। पत्र के अनुसार आशीष मिश्रा उर्फ मोनू घटना के समय वहां उपस्थित था।
बता दें कि हाल ही में एसआईटी ने लखीमपुर खीरी हिंसा में अपराध के लिए लापरवाही या दुर्घटना का परिणाम हटाकर उसे षड्यंत्र तथा हत्या के प्रयास और जान लेने की नीयत से किया गया अपराध बताया है। इस खुलासे के बाद सभी आरोपियों के खिलाफ गैर इरादतन नहीं बल्कि हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया है। इसके लिए एसआईटी की ओर से न्यायालय से अनुमति ली गई थी और आशीष मिश्रा के साथ ही अन्य आरोपियों को भी न्यायालय में प्रस्तुत किया गया था।
3 अक्टूबर को हुई थी हिंसा
लखीमपुर खीरी के तिकुनिया में 3 अक्टूबर को हुई हिंसा में चार किसानों सहित आठ लोगों की मौत हो गई थी। इनमें एक पत्रकार, एक ड्राइवर और दो भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता शामिल थे। इस मामले में 13 आरोपी जेल में बंद हैं। एसआईटी ने इस मामले में आशीष मिश्रा उर्फ मोनू, अंकित दास को लखनऊ से गिरफ्तार किया गया था, जबकि लवकुश, आशीष पांडे, शेखर भारती, लतीफ उर्फ काले, शिशुपाल, नंदन सिंह विष्ट, सत्यम त्रिपाठी उस्प सत्य प्रकाश, सुमित जायसवाल, धर्मेंद्र, रिंकू राना और उल्लास त्रिवेदी को अन्य स्थानों से गिरफ्तार किया गया है। फिलहाल ये सभी जेल में हैं।
यह है आरोप
आरोप है कि केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा ने किसानों को कुचलने का षड्यंत्र रचा था। जो गाड़ी इसके लिए इस्तेमाल की गई थी, वह एसयूवी अजय मिश्रा की है। उसे आशीष मिश्रा चला रहा था। मामला दर्ज होने के कई दिनों बाद उन्हें 9 अक्टूबर को गिरफ्तार किया गया था।