अनाथ बचपन के लिए ममता की मूर्ति पद्मश्री सिंधुताई सपकाल का निधन हो गया। वे पिछले डेढ़ महीने से बीमार चल रही थीं। उनके ममतामयी रूप पर फिल्म भी बन चुकी है। हजारों बच्चों की पालनहार सिंधु ताई के निधन पर सोशल मीडिया पर शोक की रहर है। क्या आम, क्या खास उनकी प्रशंसा करते थक नहीं रहे हैं।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने उनके निदन पर शोक व्यक्त किया है। उन्होंने उनकी एक तस्वीर पोस्ट कर राष्ट्रपति ने उन्हें श्रद्धांजलि दी है
The life of Dr Sindhutai Sapkal was an inspiring saga of courage, dedication and service. She loved & served orphaned, tribals and marginalised people. Conferred with Padma Shri in 2021, she scripted her own story with incredible grit. Condolences to her family and followers. pic.twitter.com/vGgIHDl1Xe
— President of India (@rashtrapatibhvn) January 4, 2022
सोशल मीडिया पर उनके निधन पर शोक की लहर है। अकाउंंट यूजर अपने-अपने शब्दों में उनके प्रति अपनी श्रद्धा व्यक्त कर रहे हैं।
🙏🌹 नर सेवा ही नारायण सेवा है उसका उदाहरण है जिनको आज भगवान अपने बैकुंठ धाम में बुला लिया ऐसी महान मातृशक्ति को प्रणाम करता हूं ओम शांति शांति विनम्र श्रद्धांजलि 💐👏 pic.twitter.com/rZc9RcmumI
— 🥀Ashok Kiradoo🥀 (@PtAshokkiradoo) January 4, 2022
सिंधुताई सपकाल द्वारा अनाथ बालकों के लिए कई आश्रम संचालित किये जाते थे। उनका जन्म 14 नवंबर, 1948 को महाराष्ट्र के वर्धा में हुआ था। उनका परिवार पशुपालक था। परिवार की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी। उनके पिता का नाम अभिमानजी साठे था, सिंधुताई के पिता चाहते थे कि उनकी बेटी शिक्षा ग्रहण करे, इसके कारण वे उन्हें स्कूल भेजते थे। परंतु, मां के विरोध, आर्थिक बदहाली और बालविवाह के कारण सिंधुताई चौथी तक ही शिक्षा ग्रहण कर पाईं।
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सिंधुताई संचालित संस्थाएं
- बाल निकेतन हडपसर ,पुणे
- सावित्रीबाई फुले बालिका वसतिगृह , चिकलदरा
- अभिमान बाल भवन , वर्धा
- गोपिका गौ रक्षण केंद्र , वर्धा ( गोपालन)
- ममता बाल सदन, सासवड
- सप्तसिंधु महिला आधार बालसंगोपन व शिक्षणसंस्था, पुणे
सिंधुताई के जीवन पर फिल्म
सिंधुताई के जीवन पर वर्ष 2010 में मराठी फिल्म “मी सिंधुताई सपकाल” नामक फिल्म बनी थी। इसे 54वें लंदन फिल्म महोत्सव में वर्ल्ड प्रीमियर के लिए चयनित किया गया था। इस फिल्म का निर्माण अनंत महादेवन ने किया था।
पुरस्कार व गौरव
सिंधुताई को 750 से अधिक राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार मिले हैं। इसमें पद्मश्री सबसे महत्वपूर्ण है।
- महाराष्ट्र सरकार का डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर समाज भूषण पुरस्कार (2012)
- पुणे अभियांत्रिकी कॉलेज का ‘कॉलेज ऑफ इंजीनिअरिंग पुरस्कार’ (2012)
- महाराष्ट्र सरकार का ‘अहिल्याबाई होलकर पुरस्कार’ (2010)
- मूर्तिमंत आईसाठीचा राष्ट्रीय पुरस्कार (2013)
- आईटी प्रॉफिट ऑर्गनाइजेशन का दत्तक माता पुरस्कार (1996)
- सोलापुर का डॉ. निर्मलकुमार फडकुले स्मृति पुरस्कार
- राजाई पुरस्कार
- शिवलीला महिला गौरव पुरस्कार.
- डॉ. राम मनोहर त्रिपाठी पुरस्कार (2017)
- पुणे विश्वविद्यालय का ‘जीवन गौरव पुरस्कार’