प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पंजाब दौरे के दौरान प्रस्तावित रैली रद्द होने को लेकर पूरे देश में भूचाल आया हुआ है। इसे विशेषज्ञ जहां स्पष्ट रुप से प्रधानमंत्री की सुरक्षा में चूक बता रहे हैं और इसके लिए राज्य सरकार को जिम्मेदार बता रहे हैं, वहीं प्रदेश के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने सफाई दी है। चन्नी ने इसे सुरक्षा में चूक मानने से इनकार कर दिया है।
प्रदेश के मुख्यमंत्री ने कहा है कि प्रधानमंत्री का पहले सड़क मार्ग से आने का कोई कार्यक्रम नहीं था। उनका कार्यक्रम अचानक बदल गया और उन्होंने सड़क मार्ग से आने का निर्णय लिया। इसके आलावा विरोध प्रदर्शन की सूचना प्रधानमंत्री के काफिले में तैनात सुरक्षा प्रमुख को दी गई थी। इसे सुरक्षा में चूक नहीं कहा जा सकता। सीएम ने कहा कि हम किसानों पर लाठी तो नहीं चला सकते।
चन्नी की सफाई- नहीं हुआ हमला
चन्नी ने अपनी सफाई में कहा कि प्रधानमंत्री पर कोई हमला नहीं हुआ। उनकी सुरक्षा में कोई चूक नहीं हुई। इसलिए किसी अधिकारी पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। उन्होंने कहा कि शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों पर लाठी-गोली नहीं चलवा सकते। चन्नी ने कहा कि अगर उन्हें लगता है कि सुरक्षा में कोई चूक हुई है तो हम जांच करवाएंगे।
प्रधानमंत्री का सम्मान- चन्नी
चन्नी ने कहा कि हमारी जिम्मेदारी है कि हम प्रधानमंत्री का सम्मान करें। मैं उन्हें खुद रिसीव करने जाने वाला था लेकिन एक दिन पहले मेरे कार्यालय के कुछ लोग कोरोना संक्रमित पाए गए। इस कारण मैं अपनी जिम्मेदारी समझते हुए वहां नहीं गया। हालांकि मैंने वहां वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल को भेजा। मैंने उपमुख्यमंत्री और फिरोजपुर के विधायक को ड्यूटी पर लगाई कि वे प्रधानमंत्री का स्वागत करें।
क्या कहते हैं विशेषज्ञ?
-पंजाब पुलिस के पूर्व डीजीपी शशिकांत ने हिन्दूस्थान पोस्ट से बात करते हुए कहा कि यह पूरी तरह से राज्य सरकार की चूक है । इंटेलिजेंस की चूक है । प्रधानमंत्री के रूट को 500 मीटर तक एसपीजी और राज्य पुलिस अपने कब्जे में ले लेती है। प्रधानमंत्री की सुरक्षा से कोई समझौता नही किया जा सकता ।
-प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को हुसैनीवाला बार्डर पर शहीदों के स्मारक पर जाना था । इस स्थान की पाकिस्तान से महज 20 किलोमीटर की दूरी है । पाकिस्तान यहां पर ड्रोन भेजता रहता है । पंजाब की पूर्व डीजीपी निर्मल कौर का कहना है कि प्रधानमंत्री की सुरक्षा में चूक होना एक साजिश हो सकती है। इसकी पूरी जांच होनी चाहिए और दोषी मंत्रियों , पुलिस अधिकारियों की जिम्मेदारी तय होनी चाहिए ।
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