पंजाब में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में चूक के विषय को लेकर पूर्व पुलिस महानिदेशकों और प्रशासनिक अधिकारियों ने बड़ा कदम उठाया है। यह प्रकरण पहले से गर्म है, केंद्रीय गृहमंत्रालय के निशाने पर मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक हैं, ऐसे में वरिष्ठ आईपीएस अधिकारियों का पत्र चिंता खड़ी कर रहा है।
प्रशासनिक अधिकारियों की सेवानिवृत्ति उनकी कार्यक्षमता और कर्तव्य निर्वहन की जिम्मेदारी के आभास को कम नहीं करती। इसी कारण विभिन्न स्थानों के पूर्व वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों और प्रशासनिक अधिकारियों ने अब एक पत्र राष्ट्रपति को पत्र लिखा है। इस पत्र में पंजाब के पूर्व पुलिस महानिदेशक पी.सी डोगरा, महाराष्ट्र के पुलिस महानिदेशक प्रवीण दीक्षित, त्रिपुरा के बी.एल वोरा समेत 21 प्रशासनिक अधिकारियों का समावेश है।
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क्या है पत्र में?
पंजाब सरकार द्वारा तथाकथित आंदोलनकारियों की मिलीभगत से सुनियोजित सुरक्षा चूक हुई है, जिसके विरुद्ध तत्काल कार्रवाई की मांग की गई है।
हम सभी पूर्व पुलिस अधिकारी, जिन्होंने देश के विभिन्न स्थानों पर विभिन्न पदों पर कार्य किया है, सीमाई राज्य पंजाब में घटित घटना से अश्चर्यचकित हैं। जहां प्रधानमंत्री की प्रस्तावित यात्रा में आंदोलनकारियों ने सड़क रोककर खलल पैदा किया, जो मात्र सुरक्षा चूक ही नहीं है बल्कि राज्य प्रशासन की आंदोलनकारियों से मिलिभगत कर प्रधानमंत्री को लज्जित और क्षति पहुंचाने की निंदनीय घटना है। इस घटना की गंभीरता और उसके राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय परिणामों ने हमें प्रेरित किया कि हम आपके समक्ष इस प्रकरण को लेकर आएं। प्रधानमंत्री के काफिले को 15-20 मिनट तक सुनोयिजोत ढंग से फ्लाइओवर/पुल पर रोकना पंजाब की खराब कानून व्यवस्था का परिचायक है, जो लोकतंत्र के लिए भी खतरा है।
ये बिंदु भी हैं…
- प्रधानमंत्री को प्रोटोकॉल के अनुसार एसपीजी सुरक्षा
- राज्य में दौरे के समय सुरक्षा की जिम्मेदारी स्थानीय पुलिस की
- केंद्रीय गृह मंत्रालय राज्य पुलिस के साथ संवाद करके करती है सुनिश्चित
- मीडिया रिपोर्ट के अनुसार यह राज्य सरकार की लापरवाही ही नहीं है, बल्कि राज्य प्रशासन की संलिप्तता को भी उजागर करती है, जिसके कारण यह भयंकर घटना हुई
- राज्य को प्रधानमंत्री की यात्रा के संबंध में पर्यायी मार्गों की थी पूरी जानकारी
- मुख्यमंत्री के स्तर और राज्य प्रशासन स्तर पर आ रहे बयान विरोधाभासी
- देश के इतिहास में ऐसा कभी घटित नहीं हुआ
- प्रधानमंत्री के मार्ग की जानकारी लीक करने का कार्य राज्य पुलिस प्रशासन की जिम्मेदारी
- आंदोलक बड़ी संख्या में फ्लाइओवर और पुल पर थे मौजूद और रोका मार्ग
- मीडिया के वीडियो साफ दर्शातें हैं बड़ा षड्यंत्र
- कुछ राजनीतिक दलों के वेरिफाइड ट्वीट चौंकानेवाले और गैर जिम्मेदाराना