प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 7 जनवरी को कोलकाता के चितरंजन नेशनल कैंसर इंस्टीट्यूट का उद्घाटन किया। इस अवसर पर उन्होंने देश में हो रहे रिकॉर्ड टीकाकरण को बड़ी उपलब्धि बताया। प्रधानमंत्री ने कहा कि मात्र पांच दिनों में ही रकॉर्ड डेढ़ लाख बच्चों का टीकाकरण किया गया। 15-18 वर्ष के आयुवर्ग के बच्चों का टीकाकरण 3 जनवरी से शुरू किया गया है। बच्चों के साथ ही देश में 1.5 बिलियन वैक्सीन डोज दिए जाने का ऐतिहासिक रिकॉर्ड बनाया गया है।
इस अवसर पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडविया के साथ ही मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी उपस्थित थीं। इस परिसर के निर्माण कार्य पर 530 करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं। इसमें केंद्र सरकार ने 400 करोड़ रुपए दिए हैं। बाकी राशि बंगाल सरकार ने दी है। संस्थान के दूसरे परिसर का निर्माण स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर बनाने के उद्देश्य से किया गया है।
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संबोधन की खास बातें
- साल 2014 तक देश में अंडर ग्रेजुएट और पोस्ट ग्रेजुएट सीटों की संख्या 90 हजार के आसपास थी। पिछले 7 सालों में इनमें 60 हजार नई सीटें जोड़ी गई हैं। साल 2014 में हमारे यहां सिर्फ 6 एम्स होते थे। आज देश 22 एम्स के सशक्त नेटवर्क की तरफ बढ़ रहा है। आयुष्मान भारत योजना आज एफोर्डेबल और इनक्लूसिव हेल्थकेयर के मामले में एक ग्लोबल बेंचमार्क बन रही है।
- पीएम-जय के तहत देशभर में 2 करोड़ 60 लाख से ज्यादा मरीज, अस्पतालों में अपना मुफ्त इलाज करा चुके हैं।
- कैंसर की बीमारी तो ऐसी है, जिसका नाम सुनते ही गरीब और मध्यम वर्ग हिम्मत हारने लगता था। गरीब को इसी कुचक्र, इसी चिंता से बाहर निकालने के लिए देश सस्ते और सुलभ इलाज के लिए निरंतर कदम उठा रहा है। बीते सालों में कैंसर के इलाज के लिए ज़रूरी दवाओं की कीमतों में काफी कमी की गई है।
- सरकार द्वारा अब तक पश्चिम बंगाल को भी कोरोना वैक्सीन की करीब-करीब 11 करोड़ डोज मुफ्त मुहैया कराई जा चुकी है। बंगाल को डेढ़ हजार से अधिक वेंटिलेटर, 9 हजार से ज्यादा नए ऑक्सीजन सिलेंडर भी दिए गए हैं। 49 पीएसए नए ऑक्सीजन प्लांट्स ने भी काम करना शुरू कर दिया है।
- आज भारत की वयस्क जनसंख्या में से 90 प्रतिशत से ज्यादा लोगों को वैक्सीन की एक डोज लग चुकी है। सिर्फ 5 दिन के भीतर ही डेढ़ करोड़ से ज्यादा बच्चों को भी वैक्सीन की डोज लगाई जा चुकी है। ये उपलब्धि पूरे देश की है, हर सरकार की है।
- मैं विशेष रूप से इस उपलब्धि के लिए देश के वैज्ञानिकों का, वैक्सीन मैन्यूफैक्चरर्स का, हमारे हेल्थ सेक्टर से जुड़े साथियों का धन्यवाद करता हूं। सबके प्रयासों से ही देश ने उस संकल्प को शिखर तक पहुंचाया है, जिसकी शुरुआत हमने शून्य से की थी।
- साल की शुरुआत देश ने 15 से 18 साल की उम्र के बच्चों के लिए वैक्सीनेशन से की थी। वहीं आज साल के पहले महीने के पहले हफ्ते में ही, भारत 150 करोड़- 1.5 बिलियन वैक्सीन डोजेज़ का ऐतिहासिक मुकाम भी हासिल कर रहा है।