एसटी कर्मियों की हड़ताल का सरकार ने निकाला ऐसा तोड़!

करीब ढाई माह से राज्य परिवहन निगम (एसटी) के कर्मचारी राज्य सरकार में विलय की अपनी मांग पर अड़े हैं। दूसरी ओर निगम ने कड़े कदम उठाते हुए हड़ताली कर्मियों को निलंबित करना शुरू किया है।

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महाराष्ट्र राज्य परिवहन निगम के कर्मचारी पिछले ढाई महीने से हड़ताल पर हैं। इस कारण, निगम को 600 करोड़ रुपए से अधिक का वित्तीय नुकसान हुआ है। इसे देखते हुए राज्य सरकार आखिरकार एक रामबाण उपाय लेकर आई है। सरकार ने सेवानिवृत्त कर्मचारियों को फिर से नियुक्त करने का फैसला किया है। ऐसे में हड़ताली एसटी कर्मियों की टेंशन बढ़ गई है। इसकी शुरुआत नागपुर मंडल से की गई है। इस निर्णय के तहत एसटी के 135 सेवानिवृत्त कर्मचारियों की सूची तैयार की गई है।

भयभीत 13 हड़ताली कर्मचारी काम पर लौटे
सरकार ने एसटी कर्मचारियों की हड़ताल के कारण बंद बसों का स्टीयरिंग व्हील सेवानिवृत्त कर्मचारियों को सौंपने का निर्णय लिया है। इसके लिए नागपुर मंडल में 135 सेवानिवृत्त एसटी चालकों की सूची तैयार की गई है। सेवानिवृत्त एसटी चालकों को 20,000 रुपए वेतन दिया जाएगा। सेवानिवृत्त कर्मचारियों को फिर से नियुक्त किए जाने को लेकर सरकार द्वारा कदम उठाए जाने से घबराए एसटी कर्मियों ने काम पर लौटना शुरू कर दिया है। प्राप्त जानकारी के अनुसार अब तक नागपुर के गणेशपेठ डिपो में 13 एसटी कर्मचारियों ने काम करना शुरू कर दिया है।

12 और एसटी कर्मी निलंबित
करीब ढाई माह से राज्य परिवहन निगम (एसटी) के कर्मचारी राज्य सरकार में विलय की अपनी मांग पर अड़े हैं। दूसरी ओर निगम ने कड़े कदम उठाते हुए हड़ताली कर्मियों को निलंबित करना शुरू किया है। नागपुर मंडल ने इसी क्रम में 12 और कर्मचारियों को निलंबित कर दिया है। अब तक यहां 435 कर्मियों के खिलाफ निलंबन की कार्रवाई की गई है। इसके साथ ही 159 कर्मियों को नोटिस जारी किया गया है। इनमें 10 चालक, 4 वाहक और 1 यांत्रिक कर्मचारी शामिल हैं। इनके आलावा बाकी कार्यालय में काम करने वाले कर्मचारी हैं।

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