महाराष्ट्र राज्य परिवहन निगम के कर्मचारी लगभग ढाई महीनों से हड़ताल पर हैं। इस कारण राज्य भर के यात्री प्रभावित हो रहे हैं। प्रेस कॉन्फ्रेंस में बोलते हुए शरद पवार ने कहा कि हड़ताल के कारण यात्रियों की स्थिति का वर्णन करना मुश्किल है। ओमिक्रोन नामक कोरोना के नए वेरिएंट से देश और राज्य संकट में हैं। यह सब राज्य की अर्थव्यवस्था को प्रभावित कर रहा है। इसलिए, राज्य सरकार को भारी वित्तीय कीमत चुकानी पड़ रही है।
पवार ने कहा, “कृति समिति के सदस्यों के कुछ सवाल हैं, जिनमें से कुछ को समिति ने सरकार के संज्ञान में लाया है। राज्य सरकार ने कहा कि सरकार उस संबंध में सकारात्मक निर्णय लेने का प्रयास करेगी। फिलहाल एसटी बसें शुरू की जानी चाहिए। कर्मचारियों को काम पर लौट आना चाहिए।” पवार ने कहा कि सरकार आपके अन्य मुद्दों पर सकारात्मक नजरिए से विचार करेगी।
कृति समिति की प्रशंसा
शरद पवार ने कहा “कृति समिति और श्रमिक समिति के प्रतिनिधियों की श्रमिकों के कल्याण के लिए आवेदन में उल्लेख है कि यात्रियों और एसटी के हितों पर ध्यान दिया जाना चाहिए। सकारात्मक रवैया अपनाते हुए उन्होंने एसटी कर्मचारियों से काम पर आने की अपील की है, जो खुशी की बात है। कुछ लोगों ने यह धारणा फैलाई थी कि हम श्रमिकों के मुद्दे को संज्ञान में नहीं ले रहे हैं, इस कारण एसटी कर्मचारियों में नाराजगी थी। इसलिए हड़ताल खत्म होने में दो महीने लग गए। नहीं तो इतना समय नहीं लगता। हमने भी इस हड़ताल को खत्म करने की पूरी कोशिश की। ”
काम पर लौटने की अपील
“सरकार पर भरोसा रखो और काम पर वापस आ जाओ, आपकी सभी मांगें पूरी होंगी।” ऐसी अपील शरद पवार ने एसटी कर्मचारियों से की। पवार ने कहा कि एसटी के विलय का मुद्दा जायज है। इस बारे में समिति की रिपोर्ट के बाद फैसला लिया जाएगा।
शरद पवार ने की है पहल
बता दें कि राज्य में पिछले ढाई महीने से चल रही एसटी कर्मचारियों की हड़ताल को सुलझाने के लिए राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी प्रमुख शरद पवार ने पहल की है। 10 जनवरी को शरद पवार और राज्य के परिवहन मंत्री अनिल परब ने सहयाद्री गेस्ट हाउस में 22 कर्मचारी संघों की कृति समिति के साथ बैठक की।
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परविहन मंत्री ने दी जानकारी
इस बारे में अनिल परब ने जानकारी देते हुए कहा ,”शरद पवार की अध्यक्षता में एसटी कर्मचारियों की कृति समिति के साथ चर्चा हुई है। कृति समिति द्वारा पूर्व में की गई मांगों को स्वीकार कर लिया गया है। मांगें पूरी होने के बाद भी विलय के मुद्दे पर उनकी हड़ताल जारी है। विलय के संबंध में गठित कमेटी 12 सप्ताह में अपनी रिपोर्ट देगी। इस रिपोर्ट का अनुपालन कर्मचारियों और राज्य सरकार के लिए बाध्यकारी होगा।”
मूल वेतन में वृद्धि
परब ने कहा,”कर्मचारियों को मूल वेतन में वृद्धि दी गई है। वेतन वृद्धि में कुछ अंतर आया है। मामले को लेकर कृति समिति से बात की गई है। समिति ने मांग की है कि सातवें वेतन आयोग के अनुसार वेतन वृद्धि दी जाए। इन आंकड़ों का अध्ययन करने के बाद, एसटी शुरू होने के बाद निर्णय लिया जाएगा। ” परब ने कहा कि जिन कर्मचारियों पर कार्रवाई नहीं हुई है, वे अगर काम पर लौटते हैं तो उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होगी।