कोरोना की तीसरी लहर में केवल 5-10 प्रतिशत लोगो को अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत है, जबकि दूसरी लहर में 20-23 प्रतिशत की जरूरत थीष हालांकि अस्पताल में इलाज कराने वाले मरीजों की संख्या अपेक्षाकृत कम है, लेकिन कई राज्यों में ओमिक्रोन के साथ-साथ डेल्टा वाले मरीजों की संख्या बढ़ रही है। इसलिए राज्य सरकारें सतर्क रहें, केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने सभी राज्यों को भेजे पत्र में यह चेतावनी दी है।
प्रधानमंत्री ने बुलाई थी समीक्षा बैठक
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 9 जनवरी को उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक बुलाई थी। इसके साथ ही केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडाविया ने कोरोना को लेकर स्वास्थ्य सुविधाओं की समीक्षा के लिए पांच राज्यों महाराष्ट्र, गुजरात, गोवा, मध्य प्रदेश और राजस्थान के स्वास्थ्य मंत्रालयों के साथ चर्चा की है। देशभर में 10 जनवरी को को 1 लाख 79 हजार 723 नए मरीज दर्ज किए गए हैं और संक्रमण की दर 13.29 प्रतिशत तक पहुंच गई है, जबकि पिछले 24 घंटे में 146 मरीजों की मौत हुई है।
पत्र में सलाह
केद्र के पत्र में राज्यों में मरीजों की बढ़ती संख्या, अस्पतालों में कितने मरीज भर्ती हैं, कृत्रिम श्वसन प्रणाली से कितने मरीजों का इलाज हो रहा है, स्वास्थ्य कर्मियों की रोजाना समीक्षा, कितनी स्वास्थ्य सुविधाओं की जरूरत है और कैसे इसे बढ़ाना है, इन सब बातों का जिक्र है।
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आवश्यक मैन पावर
अंतिम वर्ष के मेडिकल छात्रों, रेजिडेंट डॉक्टरों, बीएससी-एमएससी नर्सिंग छात्रों, सेवानिवृत्त डॉक्टरों-चिकित्सा पेशेवरों को आवश्यकतानुसार कोरोना रोगियों के इलाज के लिए समायोजित करने के आदेश जारी किए गए हैं।
केंद्र सरकार ने 8 और 9 जनवरी को भेजी है अधिसूचना
कोरोना मरीजों की संख्या में तेजी से वृद्धि हो सकती है, लेकिन तत्काल स्वास्थ्य कर्मियों की संख्या बढ़ाना संभव नहीं है। इसलिए यह सुझाव दिया गया है कि स्वास्थ्य कर्मियों की सेवाएं चरणबद्ध और उचित तरीके से ली जाएं।