विश्व के गरीब देशों ने कोरोना वैक्सीन की 10 हजार डोज ठुकरा दी है। इन देशों को वैक्सीन की ये खेप कोवैक्स कार्यक्रम के तहत दी जा रही थी। इस बारे में यूनिसेफ के एक अधिकारी ने जानकारी देते हुए बताया कि गरीब देशों द्वारा वैक्सीन की डोज को ठुकराने का बड़ा कारण इनके एक्सपायरी डेट करीब होना है। इसके साथ ही कई देशों में इनके भंडारण के लिए उचित साधन नहीं होने के कारण भी वैक्सीन की डोज को लेने से इनकार कर दिया गया।
150 देशों में भेजी गईं एक अरब डोज
कोवैक्स अभियान के तहत विश्व के लगभग 150 गरीब देशों को कोरोना वैक्सीन उपलब्ध कराई गई है। उपलब्ध कराई गई वैक्सीन की डोज एक अरब के आसपास है। यूनिसेफ के सप्लाई डिवीजन के निदेशक एटलेवा कडिल्ली ने यूरीपीय संसद में इस बात की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि केवल दिसंबर में गरीब देशों ने 10 करोड़ कोरोना वैक्सीन की डोज इसलिए नहीं स्वीकार की क्योंकि वे जल्द ही एक्सपायर होने वाली थीं। कई देशों में भंडारण के अभाव के कारण भी वैक्सीन की डोज स्वीकार नहीं की गई।
अभी भी स्टोर में 68.1 करोड़ डोज
यूनिसेफ से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार 90 देशों में 68.1 करोड़ डोज अभी भी स्टोर में हैं। चैरिटी संस्था केयर के अनुसार कांगेर और नाइजीरिया जैसे 30 से अधिक गरीब देश उपलब्ध कराई गई डोज में से अब तक 50 प्रतिशत का ही इस्तेमाल कर पाए हैं।