16 जनवरी अब राष्ट्रीय स्टार्टअप दिवस, ये हैं उद्देश्य!

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 जनवरी को स्टार्टअप पेशेवरों से बातचीत की। इस अवसर पर मोदी ने कहा कि हमारा उद्देश्य देश के छात्रों में बचपन से ही इनोवेशन का आकर्षण पैदा करना है। प्रधान मंत्री ने घोषणा की कि हर साल 16 जनवरी को राष्ट्रीय स्टार्ट-अप दिवस मनाया जाएगा। उन्होंने कहा, “मैं देश के सभी स्टार्ट-अप्स, सभी नए उद्यमी युवाओं को बधाई देता हूं, जो स्टार्ट-अप की दुनिया में भारत का झंडा फहरा रहे हैं।” उन्होंने कहा कि देश के दूर-दराज के हिस्सों में स्टार्ट-अप की संस्कृति को फैलाने के लिए 16 जनवरी को राष्ट्रीय स्टार्ट-अप दिवस के रूप में मनाया जाएगा।

तीन महत्वपूर्ण विशेषताएं
इस दशक को भारत का टेकेड कहा जा रहा है। इस दशक में सरकार इनोवेशन, एंटरप्रेन्योरशिप और स्टार्ट-अप इकोसिस्टम को मजबूत करने के लिए बड़े बदलाव कर रही है। इसकी तीन मुख्य विशेषताएं हैं। पहला है, उद्यमिता को सरकारी प्रक्रियाओं और नौकरशाही की बेड़ियों से मुक्त करना, दूसरी विशेषता नवाचार को बढ़ावा देने के लिए संस्थागत तंत्र का निर्माण करना और तीसरी विशेषता युवा युवा उद्यमियों की हैंडल होल्डिंग को बढ़ाना।

युवाओं के लिए स्वर्ण अवसर
प्रधानमंत्री ने कहा, “हमारा प्रयास, देश में बचपन से ही विद्यार्थियों में इनोवेशन के प्रति आकर्षण पैदा करने का है। इनोवेशन को इंस्टीट्यूशनलाइज करने का है। 9 हजार से ज्यादा अटल टिंकरिंग लैब्स, आज बच्चों को स्कूलों में इनोवेट  करने, नए आइडियाज पर काम करने का मौका दे रही हैं। भारत के स्टार्ट-अप्स खुद को आसानी से दुनिया के दूसरे देशों तक पहुंचा सकते हैं। इसलिए आप अपने सपनों को सिर्फ लोकल ना रखें गेलोबल बनाएं। चाहे नए ड्रोन रुल्स हों, या फिर नई स्पेस पॉलिसी  सरकार की प्राथमिकता, ज्यादा से ज्यादा युवाओं को इनोवेशन का मौका देने की है। हमारी सरकार ने  आईपीआर रजिस्ट्रेशन से जुड़े जो नियम होते थे, उन्हें भी काफी सरल कर दिया है।”

भारत की रैंकिंग में सुधार

  • 2013-14 में, 4,000 पेटेंट स्वीकृत किए गए थे। पिछले साल, 28,000 से अधिक पेटेंट स्वीकृत किए गए।
  • 2013-14 में लगभग 70,000 ट्रेडमार्क पंजीकृत किए गए थे। 2020-21 में ढाई लाख से अधिक ट्रेडमार्क पंजीकृत किए गए ।
  • 2013-14 में केवल 4,000 कॉपीराइट को मंजूरी दी गई थी, जो पिछले साल 16,000 थी।
  • देश ने नवाचार पर एक अभियान शुरू किया है। परिणामस्वरुप ग्लोबल इनोवेशन इंडेक्स में भारत की रैंकिंग में सुधार हुआ है।
  • 2015 में भारत इस रैंकिंग में 81वें स्थान पर था। अब इनोवेशन इंडेक्स में 46वें स्थान पर है।
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