भारतीय जनता पार्टी और मंत्रिमंडल से निकाले गए हरक सिंह रावत की परेशानी बढ़ती दिख रही है। भाजपा से 6 वर्ष के लिए निकाले जाने के बाद रावत को लेकर खबर थी, कि वे कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं, लेकिन अब यह राह भी उनके लिए आसान नहीं लग रही है। कांग्रेस ने उन्हें पार्टी में शामिल होने के लिए बड़ी शर्त रख दी है।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का कहना है कि रावत पार्टी पर अपने और अपने परिवार के सदस्यों को टिकट देने का दबाव बना रहे थे। इसके साथ ही उनके कांग्रेस में शामिल होने की भी चर्चा थी।
हरीश रावत ने रखी शर्त
अब हरक सिंह रावत के कांग्रेस में शामिल होने की खबरो के बीच पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हरीश रावत का बड़ा बयान आया है। उन्होंने हरक सिंह को कांग्रेस में शामिल करने के लिए बड़ी शर्त रख दी है। उन्होंने कहा है कि अगर वे कांग्रेस छोड़ने की अपनी गलती को मान लेते हैं, तो पार्टी उनका स्वागत करने के लिए तैयार है।
हरीश रावत ने यह कहाः
हरीश रावत ने कहा, “मैं इस पर कोई बयान नहीं देना चाहता हूं। पार्टी कई पहलुओं पर विचार करने के बाद निर्णय लेगी। अगर वे कांग्रेस छोड़ने की अपनी गलती को मान लेते हैं तो उन्हें पार्टी में शामिल किया जाएगा।”
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उस घाव को भूले नहीं है हरीश रावत
हरक सिंह रावत पूर्व कांग्रेसी हैं और वे 18 मार्च 2016 में कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए थे। तब उत्तराखंड मे कांग्रेस की सरकार थी और हरीश रावत मुख्यमंत्री थे। उस समय उत्तराखंड विधानसभा के 9 विधायकों ने बगावत कर दी थी। उनमें हरक सिंह भी शामिल थे। कांग्रेस सरकार से बगावत करने में उकी मुख्य भूमिका थी। इसका काफी गंभीर परिणाम कांग्रेस को भगुतना पड़ा था और सरकार को अल्पमत मे बताकर वहां राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया गया था। हालांकि न्यायालय के हस्तक्षेप के बाद हरीश रावत की सरकार लौट आई थी लेकिन अधिक दिन नहीं चल पाई थी। बागियों में से हरक सिंह सहित सभी भाजपा में शामिल हो गए थे। लगता है, उस घाव को हरीश रावत भूले नहीं हैं।