खालिस्तानी संगठनों के कट्टरपंथी गतिविधियां बढ़ने के बाद ब्रिटेन के सिख समुदाय ने उनसे किनारा कर लिया है। समुदाय ने भारत विरोधी ताकतों का विरोध किया है। धनवान सिखों के गढ़ माने जाने वाले लंदन के साउथ हाल में ब्रिटेन के अधिकांश प्रमुख गुरुद्वारे हैं। इन गुरुद्वारों से अब तक खालिस्तानियों को समर्थन मिलता रहा है लेकिन हाल के दिनों में भारत विरोधी उनकी गतिविधियां बढ़ने के बाद इन गरुद्वारे से उनका विरोध शुरू हो गया है।
पार्क एवेन्यू स्थित गुरुद्वारा श्री गुरु सिंह सभा में सिख समुदाय के नेताओं ने इस बारे में महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। सिख नेताओं ने खालिस्तानी दुष्प्रचार और उनके समर्थकों का खुलकर विरोध किया है और आगे से उनका समर्थन नहीं करने का निर्णय लिया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सराहना
श्री गुरु सिंह सभा में सिख समुदाय के नेताओं ने एक प्रस्ताव पारित कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्णयों को सिख समुदाय के हित में बताते हुए उन्हें धन्यवाद दिया है। इन नेताओं ने प्रधानमंत्री और उनकी सरकार द्वारा सिख समुदाय के लिए उठाए जा रहे कदमों को सही बताते हुए उनके प्रति आभार जताया है। इस प्रस्ताव में भारत सरकार और ब्रिटेन के सिख समुदाय के बीच की गलतफहमी को दूर करने की भी कोशिश की गई है। उन्होने प्रधानमंत्री द्वारा 26 दिसंबर को वीर बाल दिवस के रुप में मनाने की घोषणा की दिल से सराहना की है।
मुट्ठी भर खालिस्तानियों के कारण पूरे सिख समुदाय की हो रही बदनामी
इसी के साथ मुट्ठी भर खालिस्तानियों के कारण पूरे सिख समुदाय की हो रही बदनामी से बचने के लिए सिख समुदाय ने कई तरह के निर्णय लिए हैं। सिख समुदाय ने कहा है कि खालिस्तान और सिख फॉर जस्टिस जैसे संगठन फर्जी जनमत संग्रह के बल पर अलग सिख राष्ट्र स्थापित करना चाहते हैं। यह बात ब्रिटेन पुलिस की छापेमारी में भी उजागर हुई है। पुलिस ने बताया है कि एक अलग राष्ट्र की आवाज को बुलंद करने के लिए आयोजित खालिस्तानियों के कार्यक्रम में बहुत ही कम लोग शामिल हुए थे। पुलिस ने 15 नवंबर 2021 को 356 बाथ रोड के साड्डा सुपरस्टोर की पहली मंजिल पर स्थित सिख फॉर जस्टिस के कार्यालय में छापेमारी की थी।