वर्चुअल सुनवाई के दौरान दिक्कत आने पर अधिवक्ताओं को सर्वोच्च सलाह! नहीं माने तो…

17 जनवरी को सुनवाई के दौरान बार-बार बाधाएं आने से नाराज सर्वोच्च न्यायालय ने वकीलों को सलाह दी। इसके साथ ही चेतावनी के तौर पर मोबाइल बिजनेस पर प्रतिबंध लगाने की बात भी कही।

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देश की राजधानी दिल्ली में कोरोना संक्रमण का प्रकोप बढ़ने का असर यहां के हर क्षेत्र के कामकाज पर देखने को मिल रहा है। इसी क्रम में सर्वोच्च न्यायालय भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मामले की सुनवाई कर रहा है। लेकिन इसमें कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

17 जनवरी को सुनवाई के दौरान बार-बार बाधाएं आने से नाराज सर्वोच्च न्यायालय ने वकीलों को सलाह दी। सर्वोच्च न्यायालय ने सुनवाई के दौरान वकीलों को मोबाइल का इस्तेमाल न कर डेस्कटॉप इस्तेमाल करने की सलाह दी। न्यायालय ने कहा कि इस काम के लिए मोबाइल को प्रतिबंधित करना पड़ सकता है।

मोबाइल बिजनेस पर लगाना पड़ सकता है प्रतिबंध
भारत के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना के नेतृत्व वाली पीठ ने कहा कि वकील अपने मोबाइल फोन का इस्तेमाल कर रहे हैं और वे दिखाई नहीं दे रहे हैं। हमें इस मोबाइल बिजनसे पर प्रतिबंध लगाना पड़ सकता है। मिस्टर काउंसिल, अब आप सर्वोच्च न्यायाालय में वकालत कर रहे हैं और आप नियमित रुप से ऐसा कर रहे हैं। क्या बहस के लिए आप एक डेस्कटॉप नहीं रख सकते हैं।

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10 मामलों की नहीं हो सकी सुनवाई
सीजेआई की यह टिप्पणी तब आई, जब उनकी पीठ को दोपहर के भोजन से पहले के सत्र में कार्यवाही के दौरान अधिवक्ताओं की ओर से बार-बार ऑडियो-विजुअल व्यावधानों के कारण लगभग 10 मामलों की सुनवाई स्थगित करनी पड़ी। सुनवाई के दौरान आ रही अड़चनों से परेशान सीजेआई ने कहा कि हमारे पास इस तरह मामलों की सुनवाई करने की शक्ति नहीं है। कृपया एक ऐसा सिस्टम तैयार करें, जिससे हम आपको सुन सकें। अब तक 10 मामलों की सुनवाई टल चुकी है और हम अभी भी चिल्ला रहे हैं।

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