सर्वोच्च न्यायालय ने अभिनेत्री कंगना रनौत के सोशल मीडिया पोस्ट पर नियंत्रण लगाने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई से इन्कार कर दिया। न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा है कि, याचिका में कंगना के सिख समुदाय को लेकर किये गए भड़काऊ ट्वीट्स को लेकर जो आपत्तियां दर्ज हैं, उससे निपटने के लिए कानून में पहले से प्रावधान हैं।
न्यायालय ने कहा कि, इस याचिका के लिए धारा 32 के अंतर्गत सुनवाई की आवश्यकता नहीं है। अधिवक्ता सरदार चरणजीत सिंह ने याचिका दायर की है, जिसमें मांग की गई है कि कंगना के सभी सोशल मीडिया पोस्ट केंद्र और राज्य सरकारों की अनुमति मिलने पर ही प्रकाशित हों। इसके साथ ही कंगना रनौत के विरुद्ध दर्ज सभी एफआईआर मुंबई के खार थाने में स्थानांतरित हों और सभी प्रकरणों की जांच छह महीने में पूरी करने का दिशानिर्देश जारी किया जाए।
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याचिका में मांग की गई थी कि इस मामले का ट्रायल दो साल के अंदर पूरा करने का दिशानिर्देश जारी किए जाएं। याचिका में कहा गया था कि किसान आंदोलन पर कंगना रनौत के सोशल मीडिया पर पोस्ट गैरजिम्मेदाराना है। इस बयान की आड़ में 1984 सिख विरोधी दंगों को सही ठहराया जा रहा है।
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