उत्तर प्रदेश चुनाव: कैराना में चुनाव प्रचार से क्या साधना चाहते हैं शाह?

प्रथम चरण के अंतर्गत पश्चिम उत्तर प्रदेश के 11 जिलों में मतदान होने हैं। ऐसे में कोरोना संक्रमण ने प्रचार अभियानों को नियंत्रित कर दिया है।

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केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शामली के कैराना से घर-घर जन संपर्क का प्रारंभ किया। उन्होंने इस बीच कैराना में वापसी करनेवाले हिंदू परिवारों से भेंट भी की। अपनी भेंट के बाद जो संदेश अमित शाह ने दिया, उसका दूरगामी परिणाम चुनावों में पड़ सकता है।

सुशासन, मुस्लिम आतंक पर नियंत्रण और विकास ये तीन ऐसे मुद्दे हैं, जिनके बल पर भाजपा मतदाताओं के बीच उतरी है। उत्तर प्रदेश के शामली जिले के कैराना में हिंदू व्यापारी कुछ वर्ष पहले तक मुस्लिम गिरोहबाजों की धन उगाही की धमकियों, हमलों और हत्या से सहमे हुए थे। ऐसे में उन्होंने पास के जिलों में पलायन करना शुरू कर दिया। हिंदुओं के पलायन का यह प्रकरण विश्व में बहुत चर्चा में रहा। जिसके बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कार्रवाई शुरू की और आतंक का पर्याय बन चुके स्थानीय गुंडों को या तो जेल में ठूंस दिया गया या वे पलायन कर गए।

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58 सीटों पर भाजपा का संदेश
उत्तर प्रदेश में पहले चरण का विधानसभा चुनाव शामली, मेरठ, मुजफ्फरनगर, बागपत, मेरठ, हापुड़, गाजियाबाद, बुलंदशहर, मथुरा, आगरा और अलीगढ़ जिलों में होगा। इन 11 जिलों की कुल 58 सीटों के लिए 10 फरवरी को मतदान होगा। अब भाजपा के दिग्गज नेता चुनाव प्रचार करने और संगठन को मजबूती देने के लिए निकल पड़े हैं। शनिवार को केद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कैराना आकर घर-घर जनसंपर्क अभियान चलाया। अमित शाह ने कहा कि कैराना में अब सुशासन दिखाई दे रहा है। कैराना से पलायन करानेवाले अब खुद पलायन कर गए हैं। लोगों ने कहा है कि, मोदीजी की कृपा हुई है। योगी जी ने कानून व्यवस्था को सुधारा। आनेवाले दिनों में उप्र भारत का सबसे विकसित राज्य बनने जा रहा है। कभी व्यापारी परिवारों को पलायन करना पड़ा था। अब वह वापस आ गए हैं। उप्र में कानून व्यवस्था की स्थिति बरकरार रखना, तुष्टीकरण खत्म करना, 01 जाति के लिए काम करने वाली सरकारों की प्रथा को खत्म करना है। इसलिए एक बार फिर योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में भाजपा की सरकार प्रचंड बहुतम से बनेगी।

साधु मिठाईवाले के यहां शाह
कैराना के टीचर्स कॉलोनी में अमित शाह ने जनसंपर्क किया। व्यापारी राकेश गर्ग के प्रतिष्ठान साधु स्वीट्स पर पहुंचे और उनका हालचाल लिया। उल्लेखनीय है कि साधु स्वीट्स 70 साल पुरानी दुकान थी। 2014 में बदमाशों के डर से साधु पलायन करके अंबाला चले गए थे। उस दौरान बदमाशों ने उनसे 20 लाख रुपये की रंगदारी मांगी थी। भाजपा सरकार बनने पर वह कैराना वापस लौटे। इस दौरान अमित शाह ने व्यापारी को सुरक्षा का भरोसा दिलाया और कहा कि अब कैराना को विकसित किया जाएगा।

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