गणतंत्र दिवस की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर दिल्ली पुलिस कोई भी कसर छोड़ने को तैयार नहीं है। इसके लिए जिलास्तर पर रोडपैम भी तैयार किया गया है। जिलास्तर पर पुलिस टीमें पैरामिलिट्री और पब्लिक की मदद से कई ऑपरेशन चला रही है। उत्तरी पश्चिम जिला पुलिस ने भी सुरक्षा को देखते हुए जिले में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी है।
डीसीपी ऊषा रंगनानी ने 24 जनवरी को बताया कि गणतंत्र दिवस समारोह को सुचारू और घटना मुक्त सुनिश्चित करने के लिए उत्तर-पश्चिम जिला ने सजग ऑपरेशन शुरू किया है। विशेष अभियान के तहत गठित कई टीमों द्वारा व्यापक आतंकवाद रोधी उपाय किए जा रहे हैं। दिल्ली पुलिस की आंख और कान योजना के तहत 66,472 व्यक्तियों और पिछले दो महीनों में सत्यापित 20,060 किरायेदारों- मालिकों से संपर्क किया गया।
सुरक्षा के मद्देनदर उठाए जा रहे हैं ऐसे कदम
- पिछले एक दिसंबर से आतंकवाद रोधी उपायों में दिशानिर्देशों के उल्लंघन के लिए धारा 188 आईपीसी के तहत 1,258 मामले दर्ज किए गए। कई मॉक ड्रिल करके सुनिश्चित किया गया है कि अगर कोई अप्रिय घटना होती है तो उसको किस तरह से और कैसे काबू में लाया जाएगा। आतंकी गतिविधियों को देखते हुए थानास्तर पर होटल,गेस्ट हाउस मालिकों से मिलकर उनको कुछ निर्देश दिये गए हैं।
- इसी तरह से टेलीकॉम का काम करने वाले दुकानदारों से मिलकर भी उनको बताया गया है कि अगर कोई भी संदिग्ध दिखाई देता है या फिर फोन व सिमकार्ड लेता है, उसके बारे में तुरंत पुलिस को सूचित करें। पुलिस टीम ने उनको कुछ संदिग्ध शहरों से जुड़े लोगों के बारे में बताया है। इसके अलावा पुलिस टीम ने सेकेंड हैंड कार डीलर, साइबर कैफे मालिकों, पार्किंग के संचालकों को भी निर्देश दिये।
- उत्तर-पश्चिम जिले के सभी थाना क्षेत्रों में काश्तकारों एवं नौकरों द्वारा चलाए जा रहे अभियान का गहन एवं कड़ाई से सत्यापन किया जा रहा है। पुलिस अधिकारियों को सड़क विक्रेताओं, छोटे दुकानदारों, ऑटो/रिक्शा चालकों आदि को शामिल करने और उन्हें आतंकवादी या आपराधिक गतिविधियों के खिलाफ आंख और कान के रूप में कार्य करने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए निर्देशित किया गया है, ताकि इन आम लोगों की सहायता से काम किया जा सके।
- मार्केट और सोसाइटी आदि में लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज को रखने और कैमरों को ठीक करवाने का निर्देशन दिया गया है। पिछले एक महीने में जिलास्तर पर कई चेकिंग की गई और मामले दर्ज किये गए। इसमें 28118 वाहनों की जांच की गई। 616 किरायेदारों का सत्यापन नहीं कराने पर मकान मालिकों के खिलाफ आईपीसी की धारा 188 के तहत मामला दर्ज किया गया। 3244 नौकरों का सत्यापन किया गया।
- नौकरों का सत्यापन नहीं कराने पर 351 मकान मालिकों के खिलाफ आईपीसी की धारा 188 के तहत मामला दर्ज किया गया। 1939 साइबर कैफे की जांच की गई। जबकि 11 साइबर कैफे मालिकों के खिलाफ धारा 188 आईपीसी के तहत मामला दर्ज किया गया। 1543 होटल/गेस्ट हाउसों चेक किया गया। जबकि 236 होटल/गेस्ट हाउस मालिकों के खिलाफ धारा 188 आईपीसी के तहत मामला दर्ज किया गया।
- 6547 सेकेंड हैंड कार डीलरों ने चेक किया, जबकि 26 सेकेंड हैंड कार डीलरों के खिलाफ आईपीसी की धारा 188 के तहत मामला दर्ज किया गया। 9315 सिम डीलरों को चेक किया, जबकि 18 सिम कार्ड डीलरों के खिलाफ आईपीसी की धारा 188 के तहत मामला दर्ज किया गया।