वैश्विक महामारी कोरोना का दायरा एक बार फिर बढ़ रहा है। इसको देखते हुए घर—घर जाकर जिम्मेदारों को निर्देश दिया गया था कि वैक्सीनेशन को लेकर लोगों को जागरुक किया जाये। इस पर जिम्मेदारों ने लापरवाही बरती तो जिलाधिकारी नेहा शर्मा ने 18 जिम्मेदारों का वेतन रोक दिया।
कानपुर में वैक्सीनेशन के लिए घर-घर सर्वे कर लोगों को जागरूक किया जाना था, लेकिन जिम्मेदारों ने अपने कार्य में लापरवाही बरती। इस पर जिलाधिकारी नेहा शर्मा का पारा हाई हो गया और 18 अधिकारियों के साथ कर्मचारियों का वेतन रोक दिया। इसके साथ ही पत्र जारी कर सभी से जवाब मांगा गया है। जिलाधिकारी नेहा शर्मा ने किदवई नगर, बगाही और गुजैनी के वैक्सीनेशन सेंटरों का निरीक्षण किया, जिनमें ये कमियां सामने आईं।
इन पर हुई कार्रवाई
डॉ. जया सिंह, प्रभारी चिकित्सा अधिकारी किदवई नगर, देश दीपक वर्मा, राजेश कंचन नगर निगम, मनीषा श्रीवास्तव, आस्था त्रिपाठी, लता मिश्रा बेसिक शिक्षा विभाग, तपेश्वरी अवस्थी आईसीडीएस, डॉ. शैला कुमारी चिकित्सा अधिकारी, गोपाल नगर, शमशेर सिंह, विजय कुमार नगर निगम से, सविता त्रिपाठी बेसिक शिक्षा विभाग, मीरा आईसीडीएस,
ऋषभ (फार्मसिस्ट) नगरीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र सरायमिता, की टीम जिसमें देवीदीन सफाई नायक पर्यवेक्षक नगर निगम, तारा शर्मा, प्रतिभा गुप्ता, कुसुम कुमार- बेसिक शिक्षा विभाग, सुमनलता- आईसीडीएस।
जनवरी का रोका गया वेतन
जिलाधिकारी ने उन जिम्मेदारों का जनवरी माह का वेतन रोक दिया है, जिनके क्षेत्रों में वैक्सीनेशन का कार्य बेहद धीमा हो रहा है और बड़ी संख्या में लोगों ने वैक्सीनेशन नहीं कराया है। कई ऐसे लोग भी हैं, जिन्होंने पहली वैक्सीन लेने के बाद दूसरी वैक्सीन नहीं ली।