आध्यात्मिक नेता भय्यूजी महाराज की आत्महत्या के प्रकरण में मध्य प्रदेश के इंदौर न्यायालय ने अपने निर्णय सुना दिया है। जिसमें भय्यूजी महाराज को आत्महत्या के लिए प्रवृत्त करनेवाले तीन लोगों को दोषी करार दिया है। इस निर्णय के साथ ही 2018 में घटित इस बहुचर्चित प्रकरण के पीछे के तीन कारणों का खुलासा हो गया है।
इंदौर न्यायालय ने भय्यूजी महाराज के मुख्य सेवक विनायक दुधाले, शरद देशमुख और केयर टेकर पलक पुराणिक को दोषी करार देते हुए छह वर्ष की सजा सुनाई है। भय्यू महाराज ने 12 जून, 2018 को सिर में गोली मारकर आत्महत्या कर ली थी। इस घटना के छह महीने बाद पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया था।
यह प्रकरण लगभग साढ़े तीन वर्ष चला था। जिसमें 32 साक्ष्यों की गवाही हुई, जिसके बाद आरोपियों के विरुद्ध मिले साक्ष्यों के आधार पर उन्हें दोषी पाया गया। इंदौर न्यायालय ने इस प्रकरण में तीनों को छह वर्ष के कारावास की सजा सुनाई है।
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