गांवों में ड्रोन बनेंगे किसानों के साथी, 5जी युग की होगी शुरुआत! जानिये, और क्या बोले प्रधानमंत्री

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बजट 2022-23 का देश की अर्थव्यवस्था पर क्या प्रभाव पड़ेगा, इस बारे में विस्तार से जानकारी दी।

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 2 फरवरी को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के ‘आत्मनिर्भर अर्थव्यवस्था’ कार्यक्रम को संबोधित करते हुये कहा कि अर्थव्यवस्था की बुनियाद मजबूत है और हम तेज गति से सही दिशा में आगे बढ़ रहे हैं।

प्रधानमंत्री ने व्यापार की सुगमता को सरकार की प्राथमिकता बताते हुये कहा कि हमने पिछले सात सालों में 25 हजार गैर-जरूरी अनुपालनों (कंप्लायंस) को समाप्त कर दिया है और 1,500 निरर्थक कानूनों को भी निरस्त कर दिया है। इससे जरूरी कार्यों को जल्द से जल्द पूरा करना संभव होगा।

प्रधानमंत्री के संबोधन की खास बातें
-प्रधानमंत्री ने ‘इज ऑफ डूइंग बिजनेस 2.0’ अभियान भी शुरू करने की घोषणा की। प्रधानमंत्री ने कहा कि आज सस्ता और तेज इंटरनेट भारत की पहचान बन चुका है। बहुत जल्द हर गांव तक ऑप्टिकल फाइबर कनेक्टिविटी पूरी होगी। 5जी सर्विस की लॉन्चिंग भारत में ईज ऑफ लिविंग और ईज ऑफ डूइंग बिजनेस को एक अलग ही आयाम देने वाली है।

-प्रधानमंत्री ने भाजपा कार्यकर्ताओं को केंद्रीय बजट का तुलनात्मक विश्लेषण करते हुये उनसे बजट में घोषित योजनाओं को लेकर जनता के बीच जाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि बजट में यूपीए की तुलना में सार्वजनिक निवेश में चार गुना वृद्धि करने का प्रस्ताव है, जो अपार संभावनाएं खोलेगा।

-प्रधानमंत्री ने कहा, “इस बार के बजट में जो सबसे खास और अलग है, वह सार्वजनिक निवेश का है। यह बड़ा कदम है, जिसका अनुमान इससे लगा सकते हैं कि वर्ष 2013-14 में सार्वजनिक निवेश सिर्फ 1 लाख 87 हजार करोड़ था। इस बजट में यह 7 लाख 50 हजार करोड़ रुपए है।”

-विपक्ष द्वारा न्यूनतम सर्मथन मूल्य (एमएसपी) को लेकर किसानों के बीच फैलाये गये भ्रम पर प्रधानमंत्री ने कहा कि एमएसपी को लेकर अनेक प्रकार की बातें फैलाई गईं हैं। लेकिन सरकार ने बीते सालों में एमएसपी पर रिकॉर्ड खरीदी की है। केवल धान की ही बात करें तो इस सीजन में किसानों को एमएसपी के रूप में डेढ़ लाख करोड़ रुपए से अधिक मिलने का अनुमान है। एमएसपी सरकार की ओर से निर्धारित कीमत होती है।

-प्रधानमंत्री ने कहा कि देश की कृषि को तकनीक आधारित और रासायन मुक्त बनाने के लिये बड़े कदम इस बजट में उठाये गये हैं। बीते बजट में हमने किसान रेल और किसान उड़ान की सुविधा सुनिश्चित की। अब किसान ड्रोन उनका नया साथी बनने वाला है।

-प्रधानमंत्री ने सीमावर्ती गांवों से पलायन को राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए चिंता का विषय बताते हुये कहा कि बजट में सीमा पर ‘वाइब्रेंट विलेज’ को विकसित करने का प्रावधान किया है। बजट में विशेष वाइब्रेंट विलेज प्रोगाम की घोषणा पर प्रधानमंत्री ने कहा कि वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम से उत्तराखंड, अरुणाचल प्रदेश और लद्दाख के सीमावर्ती गांवों को फायदा होगा। सीमा पर मौजूद गांवों के विकास के बारे में नए सिरे से सोचा गया है। ऐसे गावों में बिजली-पानी-सड़क आदि की सुविधा होगी।

-इस बाबत आगे उन्होंने कहा कि राष्ट्र रक्षा से जुड़े एक अन्य बड़े अभियान की बजट में घोषणा की गई है। यह पर्वतमाला परियोजना है, जो हिमालय के क्षेत्रों में आधुनिक कनेक्टिविटी और आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर को विस्तार देगी।

-उन्होंने कहा कि सरकार की सीमावर्ती गांवों में युवाओं को राष्ट्रीय कैडेट कोर प्रशिक्षण देने की योजना है। हम उन्हें सशस्त्र बलों में शामिल होने में मदद करेंगे। प्रधानमंत्री ने कहा कि बजट में स्टार्ट-अप्स के लिए टैक्स बेनिफिट युवाओं को इनोवेट करने के लिए प्रेरित करेगा। उन्होंने कहा कि बजट में खेलों को भी महत्व दिया है और इसके लिए बजट को तीन गुना बढ़ाया गया है।

-प्रधानमंत्री ने केंद्रीय बजट को गरीब, मध्यम वर्ग और युवाओं की बुनियादी जरूरतें उपलब्ध कराने वाला बताया। वहीं उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश में फैले बुंदेलखंड की सूरत बदलने के लिये केन-बेतवा नदी जोड़ने की परियोजना तैयार है। इस परियोजना से किसानों के जीवन में भी बदलाव आएगा।

-आगे प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार के प्रयासों से आज देश में करीब-करीब 9 करोड़ ग्रामीण घरों में नल से जल पहुंचने लगा है। इसमें से करीब-करीब 5 करोड़ से ज्यादा पानी के कनेक्शन जल जीवन मिशन के तहत पिछले दो वर्षों में दिये गये हैं। हर घर जल-किसान समुदाय की सीधी मदद करता है, जब महिलाओं को पानी लेने के लिये दूर यात्रा नहीं करनी पड़ेगी। वे खेती में अधिक समय लगा सकेंगी।

-उन्होंने बताया कि बजट में घोषणा की गई है कि इस साल करीब 4 करोड़ ग्रामीण घरों को पाइप से पानी का कनेक्शन दिया जाएगा। इसपर 60 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा खर्च किए जाएंगे।

-प्रधानमंत्री ने कहा कि विशेष रूप से केन-बेतवा को लिंक करने के लिए जो हजारों करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है, उससे उप्र और मप्र के बुंदेलखंड क्षेत्र की तस्वीर भी बदलने वाली है। अब बुंदेलखंड के खेतों में हरियाली आएगी। घरों में पीने के लिये और खेतों में फसल के लिये पर्याप्त पानी आएगा।

-उन्होंने कहा कि भारत जैसे देश में कोई क्षेत्र पिछड़ा रहे, यह ठीक नहीं है। इसलिए हमने आकांक्षी जिला अभियान शुरू किया था। इन जिलों में गरीबों की शिक्षा के लिये, स्वास्थ्य के लिये, सड़कों के लिये, बिजली-पानी के लिये जो काम हुये उसकी प्रशंसा संयुक्त राष्ट्र ने भी की है।

-प्रधानमंत्री ने कहा कि बजट में गंगा नदी के किनारे 2,500 किलोमीटर लंबे प्राकृतिक कृषि गलियारे की कल्पना की गई है। इससे स्वच्छ गंगा मिशन में भी मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल में मां गंगा के किनारे 5 किलोमीटर चौड़ा नेचुरल फार्मिंग का कॉरिडोर तैयार किया जाएगा।

-प्रधानमंत्री ने भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा डिजिटल मुद्रा जारी करने की बजटीय घोषणा पर कहा कि इससे डिजिटल इकॉनॉमी को बहुत बल मिलेगा। ये डिजिटल रुपया अभी जो हमारी फिजिकल करेंसी है, उसका ही डिजिटल स्वरूप होगा और इसे आरबीआई द्वारा नियंत्रित किया जाएगा। इसको फिजिकल करेंसी से एक्सचेंज किया जा सकेगा। उन्होंने कहा कि डिजिटल मुद्रा फिनटेक क्षेत्र के लिए नए अवसर खोलेगी।

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