जिन्ना टावर का बदला रंग, क्या अब नाम भी बदलेगा?

आंध्र प्रदेश के गुंटूर शहर में पाकिस्तान के संस्थापक मुहम्मद अली जिन्ना के नाम पर एक टावर है। भाजपा ने इस टावर का नाम बदलने की मांग की है।

143

आंध्र प्रदेश के गुंटूर स्थित विवादास्पद जिन्ना टॉवर की एक बार फिर देश में चर्चा है। हिंदू संगठनों और भाजपा के कार्यकर्ता मांग कर रहे थे कि टावर को तिरंगे के रंग में रंगा जाए और नाम बदला जाए। इससे क्षेत्र में तनाव का माहौल है। फिलहाल टावर को तिरंगे के रंग में रंग दिया गया है। गुंटूर पूर्व के विधायक मोहम्मद मुस्तफा ने कहा कि टावर को तिरंगे रंग में रंगने और राष्ट्रीय ध्वज फहराने का निर्णय विभिन्न समूहों के अनुरोध पर लिया गया है। लेकिन अब टावर का नाम बदलने पर जोर देना गलत है।

एपीजे अब्दुल कलाम का नाम देने की मांग
भाजपा ने साफ कर दिया है कि केवल टावर का रंग बदलने से हम शांत नहीं बैठेंगे। आंध्र प्रदेश भाजपा प्रभारी सुनील देवधर ने मीडिया से कहा कि जिन्ना टावर का नाम बदलने तक आंदोलन जारी रहेगा। टावर को तिरंगे के रंगों में रंगा गया है, यह ठीक है लेकिन इसका नाम भी बदला जाना चाहिए। जिन्ना पाकिस्तान के संस्थापक और भारतीय दमन के प्रतीक हैं। जिन्ना और औरंगजेब में कोई अंतर नहीं है। उन्होंने कहा कि औरंगजेब रोड की तरह ही जिन्ना टावर का नाम बदलकर एपीजे अब्दुल कलाम टावर कर दिया जाना चाहिए।

आंध्र प्रदेश के इस शहर में है टावर
आंध्र प्रदेश के गुंटूर शहर में पाकिस्तान के संस्थापक मुहम्मद अली जिन्ना के नाम पर एक टावर है। भाजपा ने इस टावर का नाम बदलने का मुद्दा उठाया है। भाजपा ने मांग की है कि आंध्र प्रदेश सरकार तत्काल जिन्ना टावर का नाम पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम के नाम पर रखे।

टावर का नाम जिन्ना के नाम पर कैसे पड़ा?
1945 में विभाजन से पहले, मोहम्मद अली जिन्ना एक जनसभा को संबोधित करने के लिए गुंटूर आए थे। उस समय, कुछ स्थानीय मुसलमानों ने उनसे मिलने के उद्देश्य से टावर का नाम जिन्ना के नाम पर रखा था। टावर में छह गुंबद के आकार के खंभे हैं और स्थानीय लोगों द्वारा इसे सद्भाव और शांति का प्रतीक माना जाता है। यह क्षेत्र जिन्ना सेंटर के नाम से जाना जाता है।

Join Our WhatsApp Community
Get The Latest News!
Don’t miss our top stories and need-to-know news everyday in your inbox.