पूर्व मुंबई पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को दिए गए बयान में कहा है कि निलंबित पुलिस अधिकारी सचिन वाझे की दोबारा नियुक्ति के लिए मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, पर्यटन मंत्री आदित्य ठाकरे और तत्कालीन गृहमंत्री अनिल देशमुख ने दबाव डाला था। परमबीर सिंह का यह बयान मीडिया में आने के बाद राज्य का राजनीतिक पारा फिर से गरमाने के आसार हैं।
परमबीर सिंह का दावा
वसूली मामले में प्रवर्तन निदेशालय को दिए गए बयान में परमबीर सिंह ने कहा है कि महाराष्ट्र के निलंबित किए गए पुलिस सेवा में पुनर्नियुक्ति के लिए आयुक्त की अध्यक्षता में समिति गठित की गई थी। इस समिति में मुंबई के पुलिस उपायुक्त तथा सहआयुक्त दर्जे के अधिकारी थे। समिति की बैठक में सचिन वाझे को फिर से पुलिस सेवा में फिर से बहाल किए जाने के लिए मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, पर्यटन मंत्री आदित्य ठाकरे तथा तत्कालीन गृहमंत्री अनिल देशमुख ने दबाव डाला था। इतना ही नहीं सचिन वाझे से उनकी फिर से बहाली के लिए अनिल देशमुख ने दो करोड़ रुपये लिए थे। परमबीर सिंह के इस बयान की छानबीन ईडी की टीम कर रही है।
देशमुख वसूली मामले में गिरफ्तार
बता दें कि परमबीर सिंह ने इससे पहले पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख पर 100 करोड़ रुपये रंगदारी वसूलने का लक्ष्य देने का आरोप लगाया था। इस मामले की मनी लॉड्रिंग एंगल से ईडी जांच कर रही है और पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख को गिरफ्तार किया है।