केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने नीट पीजी परीक्षा 2022 को 6-8 सप्ताह के लिए टाल दिया है। यह परीक्षा 12 मार्च, 2022 को होनी थी।
नीट पीजी 2022 परीक्षा स्थगित की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई थी। उम्मीदवार, 12 मार्च 2022 को होने वाली नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट की तारीख आगे बढ़ाने की मांग कर रहे थे।
तारीख आगे बढ़ाने वाली मांग वाली याचिका में दावा किया गया था कि कई एमबीबीएस पास स्टूडेंट्स कोरोना के चलते अपनी इंटर्नशिप पूरी नहीं कर पाए हैं और इस वजह से नीट एग्जाम नहीं दे पाएंगे। इस अनुरोध में मंशा जाहिर की गई थी कि इंटर्नशिप पूरा करने के लिए कम से कम 31 मई, 2022 का समय मिलना चाहिए।
नीट के मुद्दे पर द्रमुक सदस्यों ने राज्यसभा से किया वॉकआउट
द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) के सदस्यों ने राष्ट्रीय पात्रता प्रवेश परीक्षा (नीट) से तमिलनाडु को बाहर रखने के मुद्दे को लेकर राज्यसभा में जमकर हंगामा किया और चर्चा की मांग न माने जाने पर सदन से वॉकआउट किया। कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस ने भी द्रमुक का साथ देते हुए सदन से वॉकआउट किया।
शून्यकाल में रोकी चर्चा
सभापति एम. वेंकैया नायडू ने सदन में विधायी दस्तावेज रखे जाने के बाद शून्यकाल की कार्यवाही शुरू की। इसी दौरान द्रमुक के तिरूचि शिवा ने तमिलनाडु में नीट से संबंधित कार्यस्थगन प्रस्ताव का मुद्दा उठाते हुए शून्यकाल की कार्यवाही रोक कर चर्चा की मांग की। नायडू ने चर्चा से इनकार करते हुए कहा कि यह केंद्र और संसद से जुडा मुद्दा नहीं है। उन्होंने शून्यकाल की कार्यवाही शुरू करने के लिए तृणमूल कांग्रेस के सदस्य नदीमुल का नाम पुकारा। इस बीच द्रमुक सदस्यों ने चर्चा की मांग को लेकर हंगामा शुरू कर दिया। द्रमुक सदस्य आसन के समीप आकर अपनी मांग के समर्थन में नारेबाजी करने लगे।
आश्वासन के बावजूद जारी रहा हंगामा
सभापति ने द्रमुक सदस्यों को अपनी सीट पर लौटने की अपील करते हुए कहा कि वे राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव की चर्चा में अपनी मांग रख सकते हैं। किंतु, द्रमुक सदस्यों ने हंगामा जारी रखा और अपनी मांग न माने जाने के कारण सदन से वॉकआउट कर दिया। उनके समर्थन में कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस सदस्यों ने भी सदन से वॉकआउट किया।
यह है मामला
बता दें कि तमिलनाडु के राज्यपाल आरएन रवि ने विधानसभा से सितंबर में पारित नीट परीक्षा से राज्य को बाहर रखने से जुड़ा विधेयक लौटा दिया है। इसी को लेकर द्रमुक सांसदों ने लोकसभा में विरोध जताया था और वॉकआउट किया था।